UP: सांसद आदर्श ग्राम योजना को पलीता लगाने में BJP के राज्यसभा सांसद भी आगे
Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: यूपी में सांसद आदर्श ग्राम योजना में लोकसभा के बाद अब राज्यसभा के सांसद भी फिसड्डी निकले हैं। इन्होने भी पीएम मोदी की अपील को अनसुना करते हुए गांवों को आदर्श ग्रामसभा बनाने के लिए गोद लेने से पूरी तरह किनारा कर लिया।
प्रदेश के 31 राज्यसभा सांसदों में से सिर्फ दो ने ही पांच गांवों को गोद लेने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई है। इनमें भी भाजपा से सिर्फ एक ही है। रिपोर्ट कार्ड के मुताबिक पीएम मोदी की उम्मीदों को झटका देने में दो केंद्रीय मंत्रियों समेत उनके करीबी राज्यसभा सांसदों का नाम शामिल है।
करीब आधे भाजपा सांसदों ने कोई गांव नहीं बनाया आदर्श
एक गांव भी गोद नहीं लेने वाले माननीयों की सूची में भाजपा के तकरीबन आधे सांसद हैं। हालांकि इनमें से कुछ राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल तीन माह पहले खत्म हो चुका है। हालिया राज्यसभा चुनाव से पहले तैयार यूपी के ग्राम्य विकास विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक राज्यसभा के 31 सांसदों की सूची में ग्राम सभाओं को आदर्श बनाने के वास्ते एक भी गांव गोद नहीं लेने वाले माननीयों की संख्या 16 है। इसमें भाजपा से कुल 12 सांसद हैं।
भाजपा के सिर्फ एक राज्यसभा सांसद ने गोद लिए पांच गांव
योजना को पलीता लगाने में लोकसभा के सांसदों से राज्यसभा के सदस्य दो कदम आगे नजर आ रहे हैं। तभी पांच गांवों को आदर्श बनाने के वास्ते गोद लेने वालों में वाराणसी से भाजपा के राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव और सपा से राम गोपाल यादव का ही नाम है। चार गांवों को सिर्फ भाजपा से सांसद अरुण सिंह ने गोद लिया है।
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे राज्यसभा सांसद नीरज शेखर को भाजपा ने बलिया लोकसभा सीट से इस बार सियासी मैदान में उतारा है। नीरज शेखर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट सांसद आदर्श ग्राम योजना में एक गांव भी आदर्श बनाने के लिए गोद नहीं लिया। इसी तरह आरएलडी अध्यक्ष व एनडीए के सहयोगी राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी ने भी कोई गांव आदर्श बनाने के लिए गोद लेना जरुरी नहीं समझा। सिर्फ एक गांव गोद लेने वाले राज्यसभा के माननीयों की संख्या नौ है। जिनमें से आठ भाजपा से हैं। इसी तरह दो गांव गोद लेने वाले सांसद कुल दो हैं। जिसमें से सिर्फ अनिल अग्रवाल भाजपा से हैं।
हालांकि अग्रवाल का कार्यकाल चंद माह पहले ही खत्म हुआ है। दूसरे का नाम बसपा से रामजी गौतम का है। पूर्व सांसद के तौर पर संजय सेठ का नाम दो गांवों को गोद लिया जाना अंकित हैं। फरवरी में सेठ भी भाजपा से राज्यसभा सांसद बन चुके हैं। तीन गांव अकेले भाजपा से राज्यसभा सांसद बृजलाल ने गोद लिए हैं।
आदर्श ग्राम सभा बनाने में दो केंद्रीय मंत्रियों समेत इन माननीयों का रिपोर्ट कार्ड जीरो
यूपी में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत दो केंद्रीय मंत्रियों (राज्यसभा सांसद) ने एक भी गांव को गोद लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। पहला नाम पेट्रोलियम, आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी का है। वहीं दूसरा नाम उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास एवं सहकारिता मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा का है।
सूची में एक भी गांव गोद नहीं लेने वाले राज्यसभा सदस्य के तौर पर भाजपा से राधा मोहन दास अग्रवाल (कार्यकाल खत्म), लक्ष्मी कान्त बाजपेयी, जयंत चौधरी (आरएलडी), मिथिलेश कठेरिया, डॉ के लक्ष्मण, बाबू राम निषाद, नीरज शेखर, दर्शन सिंह, हरनाथ सिंह यादव (कार्यकाल खत्म), संगीता यादव, सपा से जया बच्चन, जावेद अली खान, बसपा से सुरेंद्र सिंह सागर और कांग्रेस से कपिल सिब्बल का नाम दिया है।
इन्होने सिर्फ एक गांव में दिखाई दिलचस्पी
एक गांव गोद लेने वाले सांसदों में भाजपा से सुधांशु त्रिवेदी, गीता चन्द्रप्रभा, सीमा द्विवेदी शामिल हैं। इनमें से भाजपा के जिन राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल चंद माह पहले खत्म हो गया। उनका नाम अशोक बाजपेयी, अनिल जैन, कांता कर्दम, सकलदीप राजभर, विजय पाल सिंह तोमर है। भाजपा से सांसद हरद्वार दुबे का गतवर्ष निधन हो चुका है।