UP: सामूहिक विवाह योजना में बड़ा घोटाला, बेटियों के हाथ पीले कराने की आड़ में अफसर हुए मालामाल
Sandesh Wahak Digital Desk: भाई-बहन और जीजा साली के बीच फेरे, कई बच्चों की मां की पुन: शादी, दुल्हनें अपने आप गले में वरमाला डाल रहीं, ये चंद प्रकरण उस मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़े फर्जीवाड़े की नजीर पेश कर रहे हैं। जिसको यूपी में गरीब बेटियों के हाथ पीले करने के मकसद से शुरू किया गया था।
सुल्तानपुर से सामने आया मामला
समाज कल्याण विभाग की फाइलों में भले बेटियों के हाथ पीले करने के आंकड़े दुरुस्त दिखें, हकीकत में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के जरिये करोड़ों कमाने की तमन्ना में अफसरों के हाथ जरूर काले हो चुके हैं। फिलहाल प्रदेश भर में बड़े शादी घोटाले की बदरंग तस्वीर परदे के पीछे से झांकती नजर आ रही है। जिसकी जांच का फैसला योगी सरकार ने लिया है। ताजा मामला सुल्तानपुर का है। जहां मंत्री असीम अरुण के निर्देश पर अयोध्या मंडल के उप निदेशक राकेश रमण की जांच में सामूहिक विवाह योजना में घोटाले का खुलासा हुआ है।
महुली गांव में विवाहित और दो बच्चों की माताओं को भी पुन: विवाह के लिए मंडप में बिठाकर फेरे करवा दिए गए। जांच समिति का गठन किया गया है। सुल्तानपुर सीडीओ अंकुर कौशिक के आदेश पर दस्तावेजों को सीज करते हुए एडीओ समाज कल्याण अभिषेक गिरी को निलंबित किया गया है। जिला समाज कलयाण अधिकारी अमित सिंह के बयान दर्ज हुए हैं। मंत्री असीम अरुण ने जिलों में दस फीसदी मामलों की जांच कराने के आदेश दिए हैं।
इस वर्ष के चंद प्रकरण
- महराजगंज : मार्च में भाई-बहन और जीजा-साली के फेरे करवाए।
- झांसी: मार्च में 96 जोड़ों का विवाह, दुल्हनों ने खुद भर ली मांग
- बलिया: जनवरी में 537 जोड़ों में सैकड़ों नकली, 15 गिरफ्तार
- मैनपुरी: जून में कई दम्पति का पुन: विवाह कराया गया।
- सोनभद्र : जनवरी में 111 जोड़ों को चांदी की जगह स्टील की पायल
समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि सरकार पारदर्शी तरीके से योजनाओं का लाभ पात्रों तक पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है। प्रदेश के सभी जिलों में होने वाले सामूहिक विवाह में से 10 प्रतिशत मामलों का आकस्मिक परीक्षण कराया जाएगा, ताकि भ्रष्टाचार की संभावना न रहे। सुल्तानपुर के मामले में घर-घर जाकर सत्यापन होगा।
बेटी के खाते में जाने वाले 35 हजार पर अफसरों की नजरें
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकार की ओर से एक जोड़े को 51 हजार दिए जाते हैं। 35 हजार सीधे बेटी के खाते में जमा होते हैं और 10 हजार का सामान और 6 हजार आयोजन पर खर्च होते हैं।
इस वर्ष 106911 जोड़ों का लक्ष्य, डीएम रहेंगे उपस्थित
इस वर्ष 1,06,911 जोड़ों का सामूहिक विवाह करवाने का लक्ष्य है। विभाग ने एसओपी जारी की है। जिलों में एक स्थान पर 100 से अधिक जोड़ों के विवाह स्थलों पर डीएम की उपस्थिति अनिवार्य है। उपनिदेशक एवं निकट जनपद के जिला समाज कल्याण अधिकारी भी रहेंगे। अलग से पंजीकरण काउंटर भी बनेंगे।
Also Read: UP Bypoll : अखिलेश यादव ने खेला बड़ा दांव, CM योगी के सामने मैदान में उतरे शिवपाल और अवधेश प्रसाद