UP: AAP सांसद संजय सिंह के मामले में नहीं हो सकी कोर्ट में सुनवाई, जानिए वजह

Sandesh Wahak Digital Desk: सुल्तानपुर में स्थानीय सांसद-विधायक अदालत के विशेष न्यायाधीश के अवकाश पर होने की वजह से सोमवार को राज्‍यसभा सदस्‍य संजय सिंह और समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व विधायक अनूप संडा आदि आरोपियों से जुड़े मामले की सुनवाई नहीं हो सकी।

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के अधिवक्ता मदन प्रताप सिंह ने बताया कि सम्बंधित अदालत के पीठासीन अधिकारी (MP/MLA Court) के आज भी अवकाश पर होने के कारण कोई न्यायिक कार्यवाही नहीं हो सकी। उन्होंने बताया कि जब विशेष न्यायाधीश अदालत में आएंगे तभी अगली सुनवाई से सम्बंधित तारीख तय होगी।

इसके पहले नौ अगस्त को सांसद-विधायक अदालत में राज्‍यसभा सदस्‍य संजय सिंह और अन्य आरोपियों से जुड़े मामले में विशेष न्यायाधीश के अवकाश पर होने और संसद सत्र की कार्यवाही संचालित होने से मामले की सुनवाई स्थगित कर दी गयी थी और अगली सुनवाई के लिए 12 अगस्त की तारीख तय की गयी थी।

इस मामले में दोषी ठहराए जा चुके हैं संजय सिंह

विशेष लोक अभियोजक वैभव पांडेय ने बताया था कि सुल्तानपुर की सांसद-विधायक अदालत ने जनसमस्या और बिजली संकट को लेकर सड़क जाम और धरना-प्रदर्शन करने के मामले में दोषी ठहराए जा चुके आप के सांसद संजय सिंह और सपा नेता अनूप संडा समेत छह दोषियों की अपील निरस्त करते हुए उनकी डेढ़ माह कैद की सजा को कायम रखा है।

वैभव पांडेय ने बताया कि दोषियों की अपील पर सुनवाई करते हुए विशेष सत्र न्यायाधीश (सांसद/विधायक) ने छह अगस्त को यह आदेश दिया था।

उन्होंने बताया कि 19 जून 2001 को बिजली आपूर्ति की बदहाली के विरोध में तत्कालीन लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के नेता (पूर्व विधायक) अनूप संडा के नेतृत्व में शहर की सब्जी मंडी के निकट ऊपरगामी पुल के पास धरना प्रदर्शन किया गया था जिसमें संजय सिंह, पूर्व सभासद कमल श्रीवास्तव, पूर्व सभासद विजय, संतोष, सुभाष चौधरी आदि शामिल हुए थे।

पांडेय ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना पूरी करने के बाद आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया था। उन्होंने बताया कि इस मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद विशेष न्यायालय के तत्कालीन मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने 11 जनवरी 2023 को सभी छह आरोपियों को दोषी ठहराते हुए डेढ़-डेढ़ महीने की कैद और 1500-1500 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी।

इस आदेश के खिलाफ ही दोषियों ने सांसद-विधायक अदालत में अपील दाखिल की थी जिस पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को उनकी याचिका निरस्त कर दी गई और डेढ़ माह कैद तथा जुर्माने की सजा को बरकरार रखा। अब इसी मामले में सुनवाई चल रही है।

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