Unfied Pension Scheme: लाखों सरकारी कर्मचारियों की याचिका, PM मोदी के समक्ष उठाई गईं ये 5 मांगें
Unified Pension Scheme: नई पेंशन योजना यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के खिलाफ सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ती नजर आ रही है। कई कर्मचारी संगठन इस योजना का विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की बहाली की मांग कर रहे हैं।
इसी कड़ी में ‘नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक लेटर भेजा है। जिसमें यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में सुधार की मांग की है।
पत्र में की ये प्रमुख मांगें
- न्यूनतम सेवा अवधि 25 साल के स्थान पर 20 साल की जाए। वर्तमान में, केंद्रीय सशस्त्र बलों के कर्मचारियों को इस वजह से असमानता का सामना करना पड़ रहा है। यदि सेवा अवधि 20 साल की जाए, तो यह कर्मचारियों के लिए अधिक न्यायपूर्ण होगा और वे 50 प्रतिशत एश्योर्ड पेंशन का लाभ पा सकेंगे।
- रिटायरमेंट या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) पर कर्मचारियों के अंशदान की ब्याज सहित वापसी की जाए। इससे बुढ़ापे में कर्मचारियों को अपनी आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी, जैसे कि परिवार की जिम्मेदारियां, घर बनाना, या तीर्थ यात्रा करना।
- वीआरएस के लिए भी 25 साल की अनिवार्य सेवा की जगह 20 साल की सेवा की मांग की गई है। इससे सरकारी और अन्य कर्मचारियों के बीच समानता सुनिश्चित होगी और कानून के तहत समानता के अधिकार का पालन होगा। वर्तमान नियम के अनुसार, वीआरएस के लिए सेवा अवधि में अधिक समय की जरूरत होती है। जिससे कई कर्मचारियों को समस्या होती है।
- डॉ. पटेल ने वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों को पेंशन की व्यवस्था को रिटायरमेंट की तारीख से नहीं, बल्कि वीआरएस की तारीख से लागू करने की मांग की है। मौजूदा व्यवस्था के तहत, पेंशन की शुरुआत रिटायरमेंट की आयु (60 या 65 वर्ष) से होती है, जिससे वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों को लंबा समय बिना पेंशन के बिताना पड़ता है। यह समस्या तब और गंभीर हो जाती है जब रिटायरमेंट की आयु बढ़ जाती है।
- डॉ. पटेल ने एनपीएस रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट को जल्द सार्वजनिक करने की मांग की है। इससे कर्मचारियों को योजना के तहत किए गए बदलावों के बारे में स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी और वे उचित कदम उठा सकेंगे।
OPS के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएं
डॉ. पटेल ने पत्र में यह भी कहा कि एनपीएस रिव्यू कमेटी द्वारा पेश किए गए सुधार नाकाफी हैं। इससे पूरे देश में कर्मचारियों के मन में सरकार के प्रति नकारात्मक भावनाएं पैदा हो गई हैं। जब सरकार ने स्टॉफ साइड की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) को वार्ता के लिए बुलाया। तो कर्मचारियों को उम्मीद थी कि OPS के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। लेकिन जब UPSका मसौदा सामने आया। तो कर्मचारियों ने इसे निराशाजनक पाया। इसके परिणामस्वरूप, कर्मचारियों ने आंदोलन की योजना बनानी शुरू कर दी है।
डॉ. पटेल का कहना है कि वर्तमान पेंशन ढांचे में बदलाव की सख्त जरूरत है ताकि सरकारी कर्मचारियों को न्याय मिल सके और उनके आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। उनके पत्र में किए गए सुझाव UPSके तहत कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं और उन्हें न्याय दिला सकते हैं।
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