भाजपा में नंद गोपाल Nandi को किनारे लगाने की जुगत!
लैकफेड घोटाले के आरोपों के बाद जिस तेजी से कभी नन्द गोपाल ‘Nandi’ को भाजपा में भर्ती करके उन्हें मंत्री पद से नवाजा गया था।
Sandesh Wahak Digital Desk। लैकफेड घोटाले के आरोपों के बाद जिस तेजी से कभी नन्द गोपाल ‘Nandi’ को भाजपा में भर्ती करके उन्हें मंत्री पद से नवाजा गया था। ठीक उसी तर्ज पर उन्हें हाशिये पर रखने की रणनीति भी तैयार हो चुकी है। औद्योगिक विकास मंत्री नंदी भाजपा में अपनी उपेक्षा पर भले आगबबूला नजर आ रहे हैं। इसके बावजूद प्रदेश भाजपा का नेतृत्व बेफिक्र है। नंदी दिल्ली दरबार की शरण में है। उनकी जगहंसाई के बाद अब मंत्री पद की कुर्सी भी खतरे में बताई जा रही है।
प्रयागराज में उनके खिलाफ सपा से चुनाव लड़ चुके चिर प्रतिद्वंदी रईस शुक्ला को जिस अंदाज में उप मुख्यमंत्री केशव मौर्या ने एक दिन पहले भाजपा में भर्ती किया। उसके मायने अहम हैं। तभी नंदी (Nandi) ने भड़ास निकालते हुए कहा कि शुक्ला को पार्टी ज्वाइन कराने का कार्यक्रम घोर अपमाजनक है। जो लोग पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (Private Limited Company) की तरह चलाना चाहते हैं, अपनी हठधर्मिता से पार्टी को लगातार क्षति पहुंचा रहे हैं। उनके मनमाने रवैये की घोर निन्दा करता हूं। पार्टी लाइन से इतर नंदी के इस बयान के बाद भाजपा का प्रदेश नेतृत्व उनसे खासा खफा बताया जा रहा है।
मंत्री Nandi की कुर्सी पर संकट के बादल
अब उप मुख्यमंत्री केशव मौर्या (Deputy Chief Minister Keshav Maurya) ने भी बयान देकर उन्हें तगड़ा झटका दिया है कि गंदे लोग बाहर जाएंगे, अच्छे लोग पार्टी में आएंगे। इसके निहितार्थ यही हैं कि न सिर्फ नन्द गोपाल का मंत्री पद बल्कि उनकी भाजपा में सदस्यता भी खतरे में है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दरबार में पहुंचे नंदी को यहां से भी राहत इसलिए नहीं मिलना तय है क्योंकि माफिया अतीक के साथ जिस अंदाज में उनकी तस्वीर वायरल होने के बाद विपक्ष हमलावर हुआ है। उससे भाजपा भी पसोपेश में है। तभी नंदी की पत्नी अभिलाषा गुप्ता को महापौर का टिकट नहीं दिया गया। जबकि महापौर के सारे टिकट खुद दिल्ली दरबार (Delhi Darbar) ने फाइनल किये हैं।
लैकफेड घोटाले में आया था नाम
निकाय चुनाव के दौरान नंदी (Nandi) से भाजपा सियासी तौर पर दूरी बनाती दिखाई दे रही है। बसपा सरकार में होम्योपैथी मंत्री (homeopathy minister) रहते नन्द गोपाल के खिलाफ एसआईबी ने लैकफेड घोटाले में जांच भी शुरू की थी।
छह कालिदास स्थित बंगले का असर दिखना शुरू!
औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल नंदी के गिरते राजनीतिक ग्राफ को छह कालिदास मार्ग स्थित उनके सरकारी आवास से भी जोडक़र देखा जा रहा है। ठीक सीएम आवास के बराबर के इस सरकारी बंगले को भुतहा और अशुभ करार दिया जाता है।
मिथक के अनुसार छह कालिदास मार्ग के पते वाले इस बंगले में रहने से बड़े-बड़े मंत्री भी थर्राते थे। इससे पहले इस बंगले में अमर सिंह, आशु मलिक, वकार अहमद शाह समेत तमाम नेता जीत के बाद यहां रहने तो आए, लेकिन समय के साथ उनका राजनीतिक ग्राफ ऊपर जाने के बजाय तेजी से गिरने लगा। कई सालों से राजनीति के एक मिथक के चलते बंगला नंबर-6 में कोई रहना नहीं चाहता था।
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