पीडब्ल्यूडी का सच: सैकड़ों करोड़ खर्च होने के बावजूद प्रदेश भर में नहीं भरे सड़कों के गड्ढे
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सडक़ों पर गड्ढों को लेकर बेहद सख्त हैं। पिछले साल ही पीडब्ल्यूडी को 30 नवंबर की डेडलाइन देकर सडक़ों को गड्ढा मुक्त बनाने का फरमान जारी किया था। इसके बावजूद अभी भी प्रदेश भर की सडक़ों से गड्ढे खत्म नहीं हुए।
Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सडक़ों पर गड्ढों को लेकर बेहद सख्त हैं। पिछले साल ही पीडब्ल्यूडी को 30 नवंबर की डेडलाइन देकर सडक़ों को गड्ढा मुक्त बनाने का फरमान जारी किया था। इसके बावजूद अभी भी प्रदेश भर की सडक़ों से गड्ढे खत्म नहीं हुए। हालांकि गड्ढे भरने के नाम पर अरबों का बजट जरूर पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों ने खर्च कर दिया। शाहजहांपुर से खुद जितिन प्रसाद समेत तीन मंत्री योगी सरकार में हैं। इसके बावजूद यहां सडक़ों पर गड्ढे कायम है।
ये हाल कमोबेश प्रदेश भर का है। हाल ही में आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने तंज कसते हुए कहा था कि एसी कमरों में बैठने से सडक़ों के गड्ढे नजर नहीं आते हैं।
गड्ढा मुक्ति अभियान का सच आया सामने
दरअसल, शनिवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की सरकारी गाड़ी शाहजहांपुर में सडक़ पर गड्ढे में फंस गई। चालक ने गाड़ी निकालने का प्रयास किया, लेकिन पहिया गड्ढे से नहीं निकला। इस पर लोगों ने धक्का देकर गाड़ी को निकलवाया। मंत्री की गाड़ी फंसने से गड्ढा मुक्ति अभियान का सच भी सामने आ गया। अफसरों ने अपनी कारस्तानी छुपाने के खातिर आनन-फानन में गड्ढे को भरवा दिया गया।
400 करोड़ के बजट की किस्त भी हो चुकी है जारी
हालांकि स्थानीय अफसरों के मुताबिक सीवर खुदाई के कारण गड्ढा हुआ था। इसी शाहजहांपुर से कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, जेपीएस राठौर और खुद पीडब्ल्यूडी से जितिन प्रसाद आते हैं। शाहजहांपुर में जब सात माह पहले पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने समीक्षा बैठक ली थी तो सिर्फ 62 फीसदी ही सडक़ों से गड्ढे खत्म हुए थे। विभाग को 400 करोड़ के बजट की किस्त भी जारी की गयी। पिछले वर्ष पीडब्ल्यूडी ने प्रदेश भर में 59572 किमी सडक़ों के गड्ढों को भरने के नाम पर 4500 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया था।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश भर में 30 नवंबर तक पीडब्ल्यूडी ने 98 फीसदी सडक़ों के गड्ढों को भर दिया था। लेकिन लखनऊ समेत प्रदेश के हर जिले में अभी भी सडक़ों से गड्ढे खत्म नहीं हुए हैं। जिसको देखते हुए पीडब्ल्यूडी ने सडक़ों के गड्ढों का सत्यापन ड्रोन कैमरे से करने के दावे किये थे। जीआईएस मैपिंग भी कराई जानी थी।
नौ हजार करोड़ का बजट सरेंडर, दोषियों पर कार्रवाई नहीं
खुद पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने लोक निर्माण विभाग द्वारा नौ हजार करोड़ का बजट सरेंडर किए जाने पर प्रमुख सचिव से ब्योरा तलब किया था। साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव एक सप्ताह के अंदर देने का आदेश भी दिया था। विभागीय मंत्री जितिन प्रसाद ने बजट खर्च नहीं करने के मामले को बेहद गंभीर माना। लेकिन दोषियों पर आजतक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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