Trump’s Return From January: 20 जनवरी से ट्रंप की वापसी से मचा हड़कंप, चीन के खिलाफ बाइडेन ने सहयोगियों संग बनाई रणनीति
Trump’s Return From January: अमेरिका में 2024 के राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से वैश्विक राजनीति में हलचल तेज हो गई है। ट्रंप की बेबाक और स्पष्ट नीतियों के लिए जाने जाने वाले व्यक्तित्व ने यूरोप और एशिया में हलचल मचा दी है। अमेरिका के कई सहयोगी देशों को ट्रंप की वापसी के साथ ही अपने संबंधों में खटास का डर सता रहा है। इन्हीं आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं से बैठक की। बाइडेन ने इस बैठक में चीन की आक्रामकता के खिलाफ अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के गठबंधन को और मजबूत करने का आह्वान किया।
बाइडेन ने अपने कार्यकाल के अंतिम चरण में इस कूटनीतिक पहल को आगे बढ़ाते हुए उन देशों को भरोसा देने का प्रयास किया जो ट्रंप की वापसी से गठबंधन के टूटने की आशंका जता रहे हैं। वाशिंगटन में बाइडेन, जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल के साथ त्रिपक्षीय बैठक में महत्वपूर्ण बातचीत हुई। इस दौरान तीनों देशों ने चीन और उत्तर कोरिया की आक्रामकता के खिलाफ एकजुट होकर काम करने का संकल्प लिया।
चीन-ईरान से बढ़ सकता है तनाव
डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के साथ ही अमेरिका और चीन के बीच तनाव और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। ट्रंप ने पहले ही टैरिफ में वृद्धि करने का वादा किया है, जो चीन की अर्थव्यवस्था को गहरा धक्का दे सकता है। इससे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग चिंतित हैं। इसके साथ ही ट्रंप के सत्ता में आने पर कई अमेरिकी कंपनियां चीन से कारोबार समेट सकती हैं। वहीं ईरान और उत्तर कोरिया के साथ भी अमेरिका के संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं।
रूस-उत्तर कोरिया और यूक्रेन संकट
ट्रंप के सामने एक बड़ी चुनौती यूक्रेन के खिलाफ रूस-उत्तर कोरिया के गठबंधन का है। उत्तर कोरिया ने रूस में अपने सैनिकों की तैनाती कर दी है, जिससे यूरोप और एशिया में तनाव बढ़ रहा है। इस बीच, बाइडेन ने जापान और दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर रूस और उत्तर कोरिया की इस रणनीति की कड़ी निंदा की है।
त्रिपक्षीय सहयोग और चीन से संवाद
लीमा में हुए एपीईसी शिखर सम्मेलन के दौरान बाइडेन, जापानी प्रधानमंत्री इशिबा और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून ने शी जिनपिंग से मिलने के लिए भी हामी भरी। अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया का यह गठबंधन क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और चीन की आक्रामकता के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने का प्रयास है।