ट्रंप प्रशासन ने 200 साल पुराने कानून का लिया सहारा, अदालत ने तुरंत लगाई रोक

Sandesh Wahak Digital Desk: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विवादित फैसले से सुर्खियां बटोरी हैं। इस बार उन्होंने 18वीं सदी के एलियन एनीमीज एक्ट (Alien Enemies Act) को लागू करने की घोषणा की, जिसके तहत वेनेजुएला के आपराधिक गिरोह ट्रेन डी अरागुआ को अमेरिका के लिए खतरा बताते हुए उसके सदस्यों को निर्वासित करने की बात कही गई। हालांकि, ट्रंप के इस फैसले पर अदालत ने तत्काल रोक लगा दी।
क्या है मामला?
ट्रंप प्रशासन ने दावा किया कि वेनेजुएला का कुख्यात गिरोह ट्रेन डी अरागुआ अमेरिका की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है और देश पर हमला कर रहा है। इसी आधार पर ट्रंप ने 1798 में बने एलियन एनीमीज एक्ट का सहारा लेते हुए गिरोह के सदस्यों को जल्द से जल्द निर्वासित करने का आदेश दिया। इस कानून के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति को विदेशी शत्रुओं को देश से बाहर निकालने की व्यापक शक्तियां मिलती हैं।
अदालत ने क्यों लगाई रोक?
ट्रंप प्रशासन के इस आदेश पर अमेरिकी जिला न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जेम्स ई. बोसबर्ग ने तत्काल रोक लगाते हुए कहा कि सरकार पहले ही प्रवासियों को एल साल्वाडोर और होंडुरास भेज रही है। उनका कहना था कि यह फैसला कानूनी और मानवाधिकारों के लिहाज से चिंता का विषय है। इस रोक के बाद अब ट्रंप प्रशासन निर्वासन संबंधी अपनी नीति पर दोबारा विचार करेगा।
पहले कब इस्तेमाल हुआ था यह कानून?
एलियन एनीमीज एक्ट अमेरिकी इतिहास में सिर्फ तीन बार इस्तेमाल किया गया है और हर बार युद्धकाल में।
– द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मन, इतालवी और जापानी-अमेरिकियों को इस कानून के तहत नजरबंद किया गया था।
– अब ट्रंप प्रशासन इसे प्रवासियों को निष्कासित करने के लिए इस्तेमाल करना चाहता था, लेकिन अदालत ने इसकी वैधता पर सवाल उठाते हुए इसे रोक दिया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
ट्रंप के इस फैसले पर विपक्षी दलों और मानवाधिकार संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। एसीएलयू (अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन) और डेमोक्रेसी फॉरवर्ड ने अदालत में याचिका दायर कर कहा कि यह कानून प्रवासियों के अधिकारों का हनन करता है। बता दे, ट्रंप के इस फैसले से अमेरिकी राजनीति में हलचल मच गई है, और आने वाले दिनों में इस पर और विवाद बढ़ सकता है।
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