Lok Sabha Elections 2024: CBI के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंची TMC, संदेशखाली रेड मामले में लगाए गंभीर आरोप
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के बीच संदेशखाली हुई सीबीआई की छापेमारी को लेकर अब सियासी पारा बढ़ गया. इसको लेकर तृणमूल कांग्रेस TMC ने पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को चिट्ठी लिखकर चुनाव के दिन छापेमारी करने के लिए सीबीआई के खिलाफ शिकायत की है. TMC ने ये आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी की छवि खराब करने के लिए खाली जगह पर छापेमारी की गई.
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में सीबीआई ने बीते शुक्रवार यानी 26 अप्रैल को अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी हुई थी. छापेमारी के दौरान सीबीआई ने एक पुलिस रिवॉल्वर और विदेश निर्मित आग्नेयास्त्रों सहित भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया था.
TMC की शिकायत में क्या?
टीएमसी ने चुनाव अधिकारी को लिखी चिट्ठी में कहा कि पहले भी हमने आपका ध्यान असंयमित दिशानिर्देशों/ढांचे की जरूरत की ओर दिलाया था. ताकि केंद्रीय जांच एजेंसियां एआईटीसी समेत विभिन्न राजनीतिक दल जो सत्तारूढ़ सरकार के विरोधी हैं, उनके अभियान प्रयासों को विफल न कर सकें.
हालांकि, बार-बार अनुरोध करने के बावजूद,आपके कार्यालय ने आंखें मूंद ली हैं. जबकि केंद्रीय जांच एजेंसियां देश भर में कहर बरपा रही हैं, खासकर चुनाव के दौरान.
टीएमसी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, रायगंज और बालुरघाट तीन संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हुआ. जब चुनाव चल रहे थे तो सीबीआई ने जानबूझकर संदेशखाली में एक खाली जगह पर छापेमारी की. मीडिया रिपोर्ट से पता चलता है कि सीबीआई ने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के बम दस्ते सहित अतिरिक्त बलों को बुलाया है। यह भी बताया गया है कि ऐसी छापेमारी के दौरान एक घर से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है.
‘राज्य सरकार या पुलिस को नहीं दिया छापेमारी का नोटिस’
चुनाव अधिकारी से शिकायत भरी चिट्ठी में टीएमसी ने कहा कि इस संबंध में, यह कहा गया है कि ‘कानून और व्यवस्था’ पूरी तरह से राज्य सरकार के दायरे में आने वाला डोमेन है. लेकिन सीबीआई ने ऐसा करने से पहले राज्य सरकार या पुलिस अधिकारियों को कोई कार्रवाई योग्य नोटिस जारी नहीं किया.
इसके अलावा, अगर सीबीआई को वास्तव में लगता कि ऐसी छापेमारी के दौरान एक बम दस्ते की आवश्यकता थी, तो राज्य पुलिस के पास एक पूरी तरह कार्यात्मक बम निरोधक दस्ता है. जो पूरे ऑपरेशन में सहायता कर सकता था.
यही नहीं, TMC ने आगे कहा कि सीबीआई की ओर से ऐसी कोई सहायता नहीं मांगी गई थी. यह जानकर और भी हैरानी हुई कि इस तरह की छापेमारी के दौरान राज्य प्रशासन के मौके पर पहुंचने से पहले ही मीडिया कर्मी मौजूद थे. ऐसे समय में, यह पहले से ही देश भर में खबर थी कि छापे के दौरान हथियार बरामद किए गए थे. यह निश्चित रूप से जानने का कोई तरीका नहीं है कि क्या ये हथियार वास्तव में तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान बरामद किए गए थे या क्या उन्हें सीबीआई/एनएसजी द्वारा गुप्त रूप से रखा गया था.