Timecity Scam: संस्थागत बैंकों की तरह जिलों में चल रहे थे ब्रांच, तैनात थे मैनेजर
हजारों निवेशकों से अरबों की हुई ठगी, निवेशक दर-दर भटक रहे, पंचम तल के आदेश पर कमिश्नर ने दर्ज कराया था ठगों पर मुकदमा
Timecity Scam: टाइमसिटी (Timecity) के ठगों द्वारा किए गए फ्राड पर दिनोदिन नए खुलासे हो रहे हैं। गुडंबा थाने में एफआईआर दर्ज होने बाद विवेचना शुरू हो गई है। विवेचक एवं छुइयापुर चौकी इंचार्ज प्रदीप सिंह ने सोमवार को वादी का बयान लेने के लिए बुलाया भी था।
शिकायतकर्ता ने बताया कि टाइमसिटी पूर्ण रूप से संस्थागत रूप में संचालित हो रहा था। जिलों, तहसीलों एवं ब्लॉक क्षेत्रों में भी ब्रांच खुले हुए थे। आरडी, एफडी और एमआईएस होता था। सैकड़ों की संख्या में लोगों ने पैसा जमा कर रखा था। खुलासा तब हुआ जब लोगों की मिच्योरिटी (भुगतान) का समय आ गया। फिर एक-एक कर खुलासे होने लगे।
इन जिलों और क्षेत्रों में संचालित थे ब्रांच
टाइमसिटी पूर्वांचल के जिलों में बैंक खोल रखा था। बैंकों में ब्रांच मैनेजर और अन्य कार्मिक कार्यरत थे। बस्ती, रुदौली, अयोध्या, गोरखपुर, परतावल बाजार, आजमगढ़, मऊ, कालपी, प्रतापगढ़, वाराणसी, अंबेडकर नगर के अहिरौला और सोनहा में ब्रांच खुले हुए थे। टाइमसिटी ने प्रदेश के कई महानगरों में इन्वेस्टमेंट का भी कार्य किया था। इन्वेस्टमेंट के सहारे करोड़ों की ठगी कर डाली।
आरोपी की पत्नी निभा रही थी एचआर हेड की भूमिका
टाइमसिटी घोटाले के मुख्य आरोपी पंकज कुमार पाठक की पत्नी बेबी पाठक कंपनी में एचआर हेड की भूमिका निभा रही थी। सैलरी जारी करने से लेकर कार्मिकों की भर्ती की जिम्मेदारी बेबी पाठक की थी। रीना शुक्ला के हस्ताक्षर से कार्मिकों की नियुक्ति होती थी। शिकायकर्ताओं ने उक्त तीनों के साथ 18 लोगों को आरोपी बनाया है।
पंचम तल के आदेश पर पुलिस आयुक्त ने दर्ज कराया था एफआईआर
यह मामला इतना हाईप्रोफाइल था कि निवेशक थाने-थाने भटक रहे थे और कोई एफआईआर नहीं दर्ज कर रहा था। आरोपी काफी प्रभावशाली हैं, इसलिए किसी निवेशक का वश नहीं चल रहा था। ऐसी स्थिति में पंचम तल तक सूचना पहुंचाई गई, तब पंचम तल से एफआईआर का आदेश हुआ। पुलिस आयुक्त ने गुडंबा थाने को एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया।
कई निवेशकों ने थानों और अदालतों में दी तहरीर
गुडंबा थाने में एक एफआईआर दर्ज होने के बाद कई निवेशकों ने थानों और अदालतों में आरोपियों के खिलाफ तहरीर डाली है। कप्तागंज के सुज्जन सिंह, महराजगंज के दयानंद पटेल, बभनान बस्ती के राजेश कुमार वर्मा, परशुरामपुर बस्ती के अरुण दुबे आदि ने भी आरोपियों के खिलाफ थानों और 156/3 के तहत अदालतों में आवेदन किया है।