Congress में पार्षद प्रत्याशियों को बेचे गए टिकट, नहीं थम रही गुटबाजी!
संदेशवाहक डिजिटल डेस्क/राकेश यादव। उत्तर प्रदेश कांग्रेस (Congress) में नेताओं की गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। नेताओं की गुटबाजी का आलम यह है कि जुझारू नेताओं को दर किनार कर चहेते नेताओं को टिकट दे दिया गया। कांग्रेस नेताओं की आपसी गुटबाजी की वजह से राजधानी की करीब दो दर्जन सीटों पर कोई प्रत्याशी ही दावेदारी नहीं कर पाया है। कई नेताओं को प्रत्याशियों की सूची में नाम होने के बाद भी टिकट से वंचित रहना पड़ा है। इससे पार्टी के लिए सक्रिय होने वाले कार्यकर्ताओं में खासा आक्रोश व्याप्त है। आरोप है कि पार्टी में अपने चहेतों को पैसा लेकर टिकट दिया गया है। इन बागी नेताओं को समझा पाना पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के लिए आसान नहीं होगा।
मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस सेवादल (Congress Seva Dal) के एक सक्रिय प्रत्याशी जिन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Rahul Gandhi’s India Jodo tour) के साथ ही पार्टी के जनहित के आंदोलनों में महती भूमिका निभाई। इस नेता ने निकाय चुनाव के लिए टिकट मांगा। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने सेवादल के इस नेता की पत्नी को राजधानी के एक वार्ड से टिकट दे दिया। पार्टी की ओर से जारी की प्रत्याशियों की सूची में गढ़ी पीर खां वार्ड (Garhi Peer Khan Ward) से सेवादल नेता की पत्नी का नाम भी घोषित कर दिया। बताया गया है कि नामांकन दाखिल करने के बाद पार्टी के गुटबाज नेताओं ने इसका नाम काटकर अन्य किसी को टिकट दे दिया। यह तो बानगी भर है।
गुटबाजी के चलते राजधानी में कांग्रेस प्रत्याशी हुए गायब
इसी प्रकार लखनऊ के विभिन्न वार्डों (different wards of Lucknow) से घोषित प्रत्याशियों के नाम कटने की वजह से करीब एक दर्जन वार्ड में कांग्रेस के प्रत्याशी ही नहीं बचे हैं। नामांकन और नाम वापस लेने की तारीख निकल जाने की वजह से कई वार्डों में कांग्रेस प्रत्याशी ही खड़े नहीं कर पाई है। एक-एक वार्ड में दो प्रत्याशियों ने नामांकन भी किया लेकिन उन्हें निराश ही होना पड़ा है। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में खासी नाराजगी देखने को मिल रही हैं। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि लखनऊ जोन प्रभारी (Lucknow Zone Incharge) ने चहेतों को टिकट बेच दिए हैं।
Congress में BSP के चहेतों को मिल रही तरजीह
पार्टी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस आला कमान ने प्रदेश कांग्रेस को नेतृत्व बसपा से आए नेता को सौंप दिया। इसके बाद एक-एक कर कई बसपा के नेताओं को पार्टी में अहम जिम्मेदारियों सौंप दी गई। इससे प्रदेश कांग्रेस में नेताओं के दो धड़े हो गए है। एक खेमे में बसपा के चहेतों को तहजीह दी जा रही है वहीं पार्टी के पुराने सक्रिय नेताओं और कार्यकर्ताओं को हाशिये पर रखा गया। टिकट वितरण में पक्षपात (favoritism in ticket distribution) की वजह से पुराने कांग्रेसियों को टिकट नहीं मिले हैं।
लखनऊ प्रभारी प्रांतीय अध्यक्ष फोन ही नहीं उठाते
कांग्रेस कार्यकर्ताओं के टिकट कटने और नए चेहरों को टिकट दिए जाने के संबंध में जब लखनऊ जोन के प्रभारी एवं कांग्रेस पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष नकुल दुबे से बात करने का प्रयास किया गया तो कई प्रयासों के बाद भी उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।
उधर इस संबंध में जब प्रदेश कांग्रेस के एक प्रवक्ता से बातचीत की गई तो उन्होंने इस मसले पर कोई भी टिप्पणी करने से ही साफ इनकार कर दिया।
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