सपा में टिकट की रार: कई शिवपाल समर्थकों ने दिया पार्टी से इस्तीफा
आरोप: टिकट में शिवपाल समर्थकों ने नहीं दी जा रही तरजीह
संदेश वाहक डिजिटल डेस्क। समाजवादी पार्टी (सपा) में नगर निकाय चुनाव के टिकट न पाने पर इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। इस्तीफा देने वालों ने नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व पर आरोप भी लगाएं है। खास बात यह है कि आरोप लगाने वाले ज्यादातार शिवपाल यादव के समर्थक रहें हैं। इससे यह भी प्रतीत हो रहा है कि शिवपाल यादव का टिकट वितरण में कुछ नहीं चल रहा है।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव खासमखास रहे अजय त्रिपाठी मुन्ना ने इस्तीफा दे दिया है। अजय त्रिपाठी मुन्ना प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश महासचिव रहे आर प्रसपा का सपा में विलय होने के बाद वह सपा के साथ हो लिए थे। व्यापारियों पर गहरी पकड़ रखने वाले अजय त्रिपाठी मुन्ना महापौर का भी चुनाव लडऩे की तैयारी किए थे, लेकिन महिला सीट होने के बाद उन्होंने दावा छोड़ दिया था।
अजय त्रिपाठी मुन्ना उत्तर विधानसभा और कैंट में कम से कम दो वार्ड में उनके लोगों को टिकट देने का मांग कर रहे थे। वह ऐसे लोगों की पैरवी कर रहे थे जो निरंतर शिवपाल सिंह यादव के साथ लगे रहे। इसके लिए उन्होंने पैरवी भी की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इससे खिन्न होकर सोमवार को पार्टी के सभी दायित्वों से इस्तीफा दे दिया है।
जिला पंचायत सदस्य विजयलक्ष्मी ने भी समाजवादी पार्टी से दिया इस्तीफा
इसी तरह मैनपुरी में पूर्व चेयरमैन साधना गुप्ता ने इस्तीफा देकर निर्दल चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। रायबरेली में पूर्व चेयरमैन इलियास और मुजफ्फरनगर में पार्टी के पूर्व महानगर अध्यक्ष डॉक्टर मोहम्मद खुर्रम सहित 128 लोगों ने इस्तीफा दिया है। दूसरी तरफ पूर्व विधायक अमरीश पुष्कर की पत्नी और जिला पंचायत सदस्य विजयलक्ष्मी ने भी समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि विभिन्न जिलों में लगातार इस्तीफे के दौर शुरू हो गए हैं। यह पार्टी के भविष्य की सियासत के लिए खतरनाक है। उम्मीद थी कि नगर निकाय चुनाव सहित विभिन्न चुनाव में राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के साथ निरंतर रहने वाले लोगों की सुनवाई होगी। लेकिन इस चुनाव में शिवपाल समर्थकों को निराशा हाथ लगी है।
प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल का कहना है कि पार्टी ने उन्हीं लोगों को टिकट दिया है जो लगातार सक्रिय रहे हैं और जिताऊ उम्मीदवार हैं। टिकट मांगने वालों की संख्या अधिक है। ऐसे में जिन लोगों को टिकट नहीं मिला वे अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।
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