हजारों कारीगरों ने की है जी तोड़ मेहनत, तब जाकर तैयार हुए नई संसद भवन के कालीन
नया संसद भवन बनकर तैयार है और आज उसका दो चरणों में उद्घाटन हो चुका है। नई संसद की जब तस्वीरें सामने आईं तो इसे देखकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा और दिल उल्लास से भर गया।
Sandesh Wahak Digital Desk: नया संसद भवन बनकर तैयार है और आज उसका दो चरणों में उद्घाटन हो चुका है। नई संसद की जब तस्वीरें सामने आईं तो इसे देखकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा और दिल उल्लास से भर गया। संसद की नई इमारत न्यू इंडिया की झलक दिखा रही है। नई संसद में खास तौर पर लंभे और बेहद सुंदर कालीन सभी का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं। ये कालीन खास इसलिए भी हैं क्योंकि ये बेहद खास तौर पर तैयार हुए हैं और इन कालीनों के पीछे भी एक अद्भुत कहानी है।
उत्तर प्रदेश के करीब 900 कारीगरों ने नई संसद के लिए कालीन बनाए हैं। इन कारीगरों द्वारा ‘‘10 लाख घंटे तक’’ बुनाई करके बनाए गए कालीन नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा के फर्श की शोभा बढ़ा रहे हैं। लोकसभा और राज्यसभा के कालीनों में राष्ट्रीय पक्षी मोर और राष्ट्रीय पुष्प कमल के उत्कृष्ट रूपों को दर्शाया गया है।
ये कालीन तैयार करने वाली 100 साल से अधिक पुरानी भारतीय कंपनी ‘ओबीटी कार्पेट’ ने कहा कि बुनकरों ने लोकसभा और राज्यसभा के लिए 150 से अधिक कालीन तैयार किए और फिर उनकी 35,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैले दोनों सदनों की वास्तुकला के अनुरूप अर्ध-वृत्त के आकार में सिलाई की गई।
चुनौतीपूर्ण थी इसकी बुनाई
महामारी के बीच जारी रही बुनाई
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