जौ की घास के ये चमत्कारी फायदें आपको कर देंगे हैरान, इन बीमारियों का है रामबाण इलाज
Sandesh Wahak Digital Desk : आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में थकना मना है। ऐसे में हर समय एक्टिव रहना जरूरी है। लेकिन गलत लाइफस्टाइल के चलते स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां होने लगती है।
खराब खानपान और बढ़ते प्रदूषण से लोग प्राकृतिक फसलों के फायदों के बारे में जानने लगे हैं। ऐसी अनेक फसल है जिसके उपयोग से आज कई जानलेवा बीमारियों का इलाज ढूंढा जा रहा है। कई सारी फसल ऐसी हैं जिनका उपयोग कर हम अपनी दिनचर्या को बेहतर बना सकते हैं।
जिनमें से एक है ‘जौ की घास’ जौ ग्लूटेन फ्री होता है। जिसे रिफाइंड अनाज के लिए एक अच्छा विकल्प माना जाता है। इसके अन्य स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए दूसरा तरीका इसकी घास है। जौ की घास का उपयोग सूप, शोरबा और ब्रेड तैयार करने के लिए किया जाता है। जौ की घास को जूस के तौर पर उपयोग किया जाता है। यह जूस पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
जौ की घास का रस कई स्वास्थ्यवर्धक गुणों के लिए प्रसिद्ध है। यह वजन घटाने, हड्डियों को मजबूत करने, बॉडी को डिटॉक्स करने और इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। आप अपने किचन गार्डन में भी इसे उगा सकते हैं, और ताजा रस निकाल सकते हैं। यह रस रोजाना पीने के लिए भी एक अच्छा विकल्प है।
घास का जूस पीने के स्वास्थ्य लाभ
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर रूप से होता है।
- वजन घटाने में सहायक होता है।
- इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है।
- शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।
- हड्डियों को मजबूत करता है।
- स्किन हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है।
- एसिडिटी से राहत पाने में मददगार।
जौ घास किसे नहीं पीना चाहिए?
सीलिएक रोग या लस संवेदनशीलता : जौ में लस सीलिएक रोग को बदतर बना सकता है। जौ के प्रयोग से परहेज करें।
अनाज के दानों से एलर्जी: जौ का सेवन करने से उन लोगों में एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है जो राई, गेहूं, जई, मक्का और चावल सहित अन्य अनाज के प्रति संवेदनशील होते हैं।
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