Cricketers Inspirational Stories: मौत को मात देकर इन 3 खिलाड़ियों ने मैदान पर की जोरदार वापसी, शानदार हैं आंकड़ें
Cricketers Inspirational Stories: क्रिकेट के प्रशंसक अपने चहेते खिलाड़ियों का पूरा ब्यौरा रखते हैं. चाहे उनके बॉलिंग स्टैट्स हों या बैटिंग. कुल मिलाकर प्रशंसकों की नज़र में उनके फेवरेट प्लेयर रियल हीरोज़ से कम नहीं होते. तो क्यों न आज हम उन्हीं खिलाड़ियों के बारे में बात करें जिनके ज़ज़्बे को हर कोई सलाम करता है.
दरअसल, क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे खिलाड़ी हुए हैं, जिन्होंने ऑन फील्ड अपने प्रदर्शन के अलावा ऑफ द फील्ड अपने ज़ज़्बे का लोहा मनवाया है. इन क्रिकेटरों की जिंदगी ने बड़े-बड़े इम्तिहान लिए. लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी. साथ ही उन्होंने अन्य क्रिकेटरों के साथ-साथ लोगों के लिए मिसाल पेश की हैं. तो आइए एक नज़र डालते हैं, उन क्रिकेटरों पर जिन्होंने मौत को मात देकर क्रिकेट मैदान में वापसी की.
1- ऋषभ पंत
साल 2023 की शुरूआत भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी. दरअसल, ऋषभ पंत अपनी मर्सिडीज़ कार से भीषण हादसे का शिकार हो गए थे. यह हादसा इतना भीषण था कि मर्सीडीज कार में आग लग गई.
इसके बाद ऋषभ पंत को हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां विकेटकीपर बल्लेबाज की जान तो बच गई. लेकिन इस बात के आसार बेहद कम नजर आ रहे थे कि वह फिर कभी क्रिकेट मैदान पर वापसी कर पाएंगे. लेकिन ऋषभ पंत ने हार नहीं मानी. उन्होंने कड़ी मेहनत के बाद फिर से क्रिकेट मैदान पर वापसी की.
2- युवराज सिंह
भारतीय क्रिकेट टीम ने वनडे वर्ल्ड कप 2011 अपने नाम किया. टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में युवराज सिंह का अहम योगदान रहा. इस खिलाड़ी ने अपने बल्ले के अलावा गेंदबाजी से शानदार योगदान दिया.
युवराज सिंह को बेहतरीन प्रदर्शन के लिए ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ के खिताब से नवाजा गया. लेकिन इस वर्ल्ड कप के महज कुछ दिनों बाद पता चला कि यह धाकड़ खिलाड़ी कैंसर से जूझ रहा है.
इसके बाद ऐसा माना गया कि युवराज सिंह का क्रिकेट करियर खत्म हो गया. लेकिन युवराज सिंह हार मानने वालों में नहीं थे. इस खिलाड़ी ने अपने कैंसर का इलाज करवाया और इसके बाद फिर क्रिकेट मैदान पर वापसी की. युवराज सिंह कैंसर को मात देने के बाद टीम इंडिया और आईपीएल के लिए खेले.
3- निकोलस पूरन
वेस्टइंडीज के ताबड़तोड़ बल्लेबाज निकोलस पूरन साल 2015 में एक भयंकर एक्सीडेंट का शिकार हो गए थे. उस एक्सीडेंट के बाद निकोलस पूरन के दोनों पैर तकरीबन बेकार हो गए थे. जबकि उम्र महज 19 साल थी और वह अपने करियर के शुरूआती दिनों में थे.
इस एक्सीडेंट के बाद डॉक्टर कुछ कहने की स्थिति में नहीं थे. उस वक्त यह नहीं कहा जा सकता था कि निकोलस पूरन दोबारा क्रिकेट खेल पाएंगे या नहीं. कई महीने व्हीलचेयर पर गुजारने पड़े. लेकिन इसके बाद निकोलस पूरन ने शानदार वापसी की. फैंस को कभी लगा ही नहीं कि वह एक वक्त भीषण एक्सीडेंट का शिकार हुए थे.