सपा में भी फूट के आसार जयंत चौधरी भी आ जाएंगे एनडीए में : आठवले
Sandesh Wahak Digital Desk : रिपल्बिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के अध्यक्ष व केंद्रीय सामाजिक अधिकारिता मंत्री रामदास आठवले ने रविवार को वीवीआईपी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अजित पवार की तरह यूपी में रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी भी सपा अध्यक्ष अखिलेश को झटका दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि एनसीपी की तरह सपा में भी फूट होने के आसार हैं। उन्होंने यह भी संभावना जताई कि जयंत भी भाजपा के साथ आ सकते हैं। उन्होंने पवार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उनके इस फैसले से महाराष्ट्र में एनडीए और मजबूत होगा।
पश्चिमी यूपी में अपनी सियासी डगर को आसान बनाने के लिए जयंत चौधरी ने समरसता अभियान की जो शुरुआत की, वो अब तक 140 गांवो का सफर पूरा कर चुकी है। गांव की गलियों और चौपालों से मिशन 2024 में जीत की बड़ी संभावना तलाश रहे जयंत चौधरी पश्चिमी यूपी में बड़े बदलाव की उम्मीद लेकर चल रहे हैं। अपने गठबंधन के सारथी सपा मुखिया अखिलेश यादव के बिना जयंत चौधरी अपने दमखम पर पश्चिमी यूपी की सियासी हवा बदलना चाहते हैं। एक तरफ भाजपा के विजय रथ को रोकना और दूसरी तरफ जरूरत पड़ी तो बिना गठबंधन के भी पश्चिम के मैदान में बड़ी मोर्चे बंदी की गुंजाइश तलाशने की कोशिश में जुटे हैं।
जयंत चौधरी हर वर्ग की बात कर रहे हैं, उनका फोकस मुस्लिम वोटरों पर भी है। जयंत चौधरी जाट-मुस्लिम समीकरण को मजबूत करने के बड़े मकसद से निकले हैं क्योंकि सपा से अलग होने पर मुस्लिमों को साथ जोड़े रखने की बड़ी चुनौती भी जयंत के सामने हो सकती है और ऐसे में समरसता अभियान सियासी ब्रह्मास्त्र का काम कर सकता है।
आरएलडी और सपा में खटास बरक़रार
निकाय चुनाव में आरएलडी और सपा में खटास (Sourness in RLD and SP) थी वो सबने देखी। चुनाव तो खत्म हो गया, लेकिन दिलों में खटास बरकरार है। एक तरफ इस खटास को 24 से पहले दूर करने को हर दांव चला जा रहा है तो अकेले चलने के रास्ते भी तलाशे जा रहे हैं। हालांकि गठबंधन का भविष्य क्या होगा, इस पर कोई भी साफ बोलने से बच रहा है, लेकिन सपा नेता जयंत के समरसता अभियान की शान में कसीदे जरूर पढ़ रहे हैं। उन्हें लगता है कि जयंत का ये प्लान जितना आगे बढ़ेगा भाजपा उतनी कमजोर होती जाएगी।
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