स्मार्ट प्रीपेड मीटर से सेहत पर असर पड़ने की आशंका, ऊर्जा मंत्रालय ने दिए जांच के आदेश
Smart Meters Health and Safety Issues : बिजली के स्मार्ट प्रीपेड मीटर से निकलने वाली रेडियो उत्सर्जन तरंगों से उपभोक्ताओं की सेहत पर असर पड़ने की आशंका जताई गयी है। इसको देखते हुए केंद्रीय उर्जा मंत्रालय ने जांच का आदेश दिया है। जिसका जिम्मा दूरसंचार विभाग का है। फिलहाल प्रदेश में 12 लाख स्मार्ट मीटर लगे हैं। आगे 25000 करोड की लगत से 3 करोड स्मार्ट प्रीपेड मीटर के आर्डर जारी हो चुके हैं। जिन्हे कुछ माह के भीतर लगाना शुरू कर दिया जायेगा।
स्मार्ट मीटर तथा उसमें लगने वाले माडम आईओटी गेट-वे, ट्रैकिंग डिवाइस, राउटर लाइन स्विच तथा फाइबर केबिल की जांच अनिवार्य कर दी गई है। लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। टेलीकाम नेटवर्किंग से संबंधित टेलीकाम उत्पादों की जनवरी 2024 से मैंडेटरी टेस्टिंग एवं सर्टिफिकेशन अनिवार्य किया गया है।
रेडियो फ्रीक्वेंसी उत्सर्जन के दुष्प्रभावों से सुरक्षा के लिए जांच अनिवार्य
भारत सरकार में संचार मंत्रालय के सचिव डा. नीरज मित्तल ने इस आशय का पत्र केंद्रीय ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल को लिखा है। जिसके बाद ऊर्जा मंत्रालय की आईटी एवं साइबर सिक्योरिटी डिविजन द्वारा यह आदेश जारी किया गया है। रेडियो फ्रीक्वेंसी उत्सर्जन के दुष्प्रभावों से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जांच अनिवार्य की गई है।
आदेश के बाद यूपी में अब सभी बिजली कंपनियों को स्मार्ट मीटर में लगने वाले टेलीकाम उत्पादों की जांच करानी होगी। जांच होने से इन उत्पादों से निकलने वाली रेडियो उत्सर्जन तरंगों के प्रभाव को न्यूनतम किया जा सकेगा। तय मानक के मुताबिक ही स्मार्ट मीटर तथा संबंधित टेलीकाम उपकरण लगाए जा सकेंगे।
निम्न गुणवत्ता वाली चीनी चिप व माडम की सप्लाई : वर्मा
उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने ऊर्जा मंत्रालय के इस आदेश को जनहित में उठाया गया कदम कहा है। उन्होंने कहा है कि परिषद इसकी मांग लंबे समय से कर रहा था क्योंकि स्मार्ट मीटर में मीटर निर्माता कंपनियां निम्न गुणवत्ता वाले चीन में बने चिप व माडम लगाकर उसकी सप्लाई कर रही हैं। जिससे सीधे तौर पर आम लोग प्रभावित हो रहे हैं।
बिजली चमकने पर स्मार्ट मीटर हुए थे बंद, मोबाइल नहीं
विगत दिनों मौसम खराब होने पर बिजली चमकी तो हजारों स्मार्ट मीटर बंद हो गए थे। ऐसे में इनका रेडिएशन बहुत शक्तिशाली बताया जा रहा है क्योंकि बिजली चमकने से मोबाइल नहीं बंद हुए थे जबकि उसमें भी रेडिएशन निकलता है। इसलिए स्मार्ट मीटर से निकलने वाली रेडिएशन का प्रतिकूल प्रभाव आम जनता पर ना पडे इसलिए भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय और टेलीकम्युनिकेशन द्वारा इस महत्वपूर्ण निर्णय को लिया लिया गया है।
Also Read : Ayodhya: नागा साधु मर्डर केस में बड़ा खुलासा, शिष्य ने ही गुरु को उतारा मौत के घाट