वर्दी फिर हुई दागदार! 25 हजार रुपये रिश्वत लेते धरा गया दरोगा, एंटी करप्शन की टीम ने की कार्रवाई
Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश में एंटी करप्शन लगातार घूसखोरों के खिलाफ कारवाई कर रही है। इसके बाद भी रिश्वतखोर अपनी करतूत से बाज नहीं आ रहे हैं। गाजीपुर जिले में एंटी करप्शन वाराणसी की टीम ने सादात थाने के दरोगा आफताब आलम को 25 हजार रुपए की घूस लेते हुए थाना परिसर से ही गिरफ्तार कर लिया।
आरोप है कि पीडि़त संजय थानाध्यक्ष आलोक त्रिपाठी के कहने पर दरोगा को रिश्वत दे रहा था। करतूत सामने से जनपद में हडक़ंप मच गया। एंटी करप्शन ने दोनों के खिलाफ बहरियाबाद थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। आजमगढ़ के मुबारकपुर क्षेत्र के गजहड़ा निवासी संजय यादव ने बताया कि उसकी स्विफ्ट कार 23 फरवरी को लावारिस हालत में सादात थाने में मिली थी। जिसे पुलिस ने सीज कर दिया था।
उक्त कार को रिलीज कराने के लिए एसडीएम के यहां इसकी आख्या भेजने के लिए पीड़ित थाने के दरोगा आफताब आलम से मिला था। दरोगा ने संजय यादव से रिपोर्ट लगाने के लिए अपने व थानाध्यक्ष आलोक त्रिपाठी के नाम पर रुपए की मांग की।
25 हजार रुपये की नकदी बरामद
पीड़ित ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन से की। जिस पर टीम ने ट्रैप करने की योजना बनाई। मंगलवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे एंटी करप्शन की टीम सादात थाने पहुंची। पीड़ित ने दरोगा आफताब आलम को रिश्वत के 25 हजार रुपए दिए। जैसे ही दरोगा ने रुपए पकड़े, टीम ने उसे धर लिया। आरोपी दरोगा मिर्जापुर के चुनार क्षेत्र के सरैया सिकंदरपुर का मूल निवासी है। टीम के प्रभारी नीरज सिंह ने बहरियाबाद थाने में दरोगा व थानाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
आरोपी दारोगा पहली बार सादात थाने पर बतौर हेड मुहर्रिर (दीवान) फरवरी 2021 में तैनात हुआ था और यहीं प्रमोशन पाकर उप निरीक्षक बना था। कुछ ही समय पूर्व विभाग से पदोन्नति मिलने के बाद सैदपुर के तत्कालीन सीओ ने कंधे पर स्टार लगाया था। आफताब को पहली पोस्टिंग भी सादात थाने पर ही मिल गई थी। बताया जा रहा है कि बीते महीनों ट्रांसफर सूची में उनका स्थानांतरण भी करण्डा के लिए हुआ था। लेकिन उस वक्त वह रिलीव नहीं हुए।
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