Gonda: हाथ में तख्ती लेकर चौराहे पर रोते हुए छात्र ने मुख्यमंत्री से लगाई मदद की गुहार, जानें क्या है पूरा मामला
Gonda News: पुलिस भर्ती में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की आयु सीमा में छूट की मांग को लेकर गोण्डा के एक युवक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है। मंगलवार को शिवम मिश्रा नाम का यह युवक हाथ में पोस्टर लेकर शहर के गुरुनानक चौराहे पर खड़ा रहा और आने-जाने वालों से मदद की गुहार लगा रहा था।
पूछने पर उसने बताया कि पहले तो पांच साल भर्ती नहीं निकाली और अब सामान्य वर्ग के युवाओं की आयु सीमा 22 वर्ष कर दी गयी है। इससे तमाम युवक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो जा रहे हैं। युवक का कहना है कि जब अन्य वर्ग के लोगों को 5 वर्ष की छूट देकर उन्हें 27 वर्ष तक भर्ती किया जा रहा है, तो सामान्य वर्ग के युवाओं के साथ यह अन्याय क्यों किया जा रहा है।
पिछले पांच वर्षों से युवा कर रहे पुलिस भर्ती का इंतजार
जिले के मनकापुर कोतवाली क्षेत्र के झिलाही बाजार के निवासी शिवम मिश्रा का कहना है कि वर्ष 2019 से पुलिस भर्ती का लालीपॉप दिया जा रहा है। न 2019 में भर्ती निकली और 2020, 21 व 2022 में ही निकाली गयी। अब एक साथ 60 हजार भर्ती निकाली गयी है। यह पिछले वर्षों की भर्ती है, जिसमें उन सभी युवाओं को मौका मिलना चाहिए जो पिछले पांच साल से भर्ती का इंतजार कर रहे थे। पांच साल बाद भर्ती निकाली गयी।
अभ्यर्थियों के लिए आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट की मांग
इसमें भी सामान्य वर्ग के युवाओं के लिए आयु सीमा 22 वर्ष तय कर दी गयी है। शिवम मिश्रा का कहना है कि आयु सीमा बहुत कम है। उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल करते हुए कहा कि एक तरफ आप अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट दे रहे हैं, वहीं सामान्य वर्ग के युवाओं के लिए महज 22 साल की आयु सीमा तय कर रहे हैं।
शिवम ने कहा कि 22 वर्ष में सामान्य वर्ग का युवा बूढा नहीं हो जाता। गोण्डा-लखनऊ मार्ग पर शहर के व्यस्ततम चौराहे पर हाथ में पोस्टर लेकर पुलिस भर्ती में आयु सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे शिवम मिश्रा ने हर आने-जाने वाले का ध्यान अपनी तरफ खींचा। शिवम ने रोते हुए बताया कि वह पांच साल से पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहा था, लेकिन अब जब भर्ती निकाली गयी है, तो आयु सीमा बेहद कम कर दी गयी है। शिवम की मांग है कि सामान्य वर्ग के युवाओं को आयु सीमा में छूट दी जाए, ताकि उनके साथ भी न्याय हो सके।