पड़ोसी ने मासूम का अपहरण कर उसके साथ की हैवानियत, जल्दी ही जेल से छूटा है आरोपी
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है।
Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पड़ोसी ने 11 साल के छात्र का अपहरण कर उसका हाथ पैर बांधने के बाद मुंह में कपड़ा ठूंसकर गला दबाकर हत्या कर दी। देर रात पुलिया के नीचे अचेतावस्था में मिले छात्र को हरपुर-बुदहट थाना पुलिस ने बीआरडी में भर्ती कराया था। आरोपी पड़ोसी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
हरपुर-बुदहट क्षेत्र के गोरेडीह निवासी सत्यनारायण सिंह गीडा की फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं। पांच भाई बहनों में चौथे नंबर का उनका 11 साल का बेटा आयुष सिंह गांव के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा तीन का छात्र था। बुधवार समय 11.30 बजे स्कूल से लौटते समय आयुष को पड़ोसी रामसिंह अपनी बाइक से लेकर चला गया। देर शाम तक आयुष के घर न पहुंचने पर बहनों ने खोजबीन शुरू की। पता न चलने पर सत्यनारायण को बताया। साथ में पढ़ने वाले गांव के बच्चों से पूछने पर पता चला कि आयुष को रामसिंह अपनी बाइक से ले गया था।
गोरखपुर के बीआरडी में मासूम ने तो दिया दम
सत्यनारायण के पूछने पर रामसिंह ने जानकारी होने से इंकार कर दिया, जिसके बाद सत्यनारायण ने घटना की जानकारी हरपुर-बुदहट थाना पुलिस को देने के साथ ही अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर छानबीन शुरू की तो रामसिंह ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। रामसिंह की निशानदेही पर रात एक बजे कटाई टीकर के पास पुलिया के नीचे आयुष को बरामद किया। उसके दोनों हाथ-पैर बंधे होने के साथ ही मुंह में कपड़ा ठूंसा गया था। पुलिस आयुष को अचेतावस्था में बीआरडी मेडिकल कालेज ले गई जहां गुरुवार की सुबह आयुष की मृत्यु हो गई। रामसिंह ने आयुष की हत्या क्यों की पुलिस इसकी जांच कर रही है।
पांच वर्ष पहले हो गई थी मां की मृत्यु
आयुष के मां की मृत्यु पांच वर्ष पहले हो गई थी। उसकी देखभाल बड़ी बहन अंबिका, अंकिता, अनामिका करती थीं। सात वर्ष की राखी सबसे छोटी है। एकलौते भाई की हत्या के बाद बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
आदतन अपराधी है रामसिंह
रामसिंह ने सात वर्ष पहले गोरखपुर के खोराबार क्षेत्र में ट्रक लूटने के लिए मालिक की हत्या कर दी थी। ट्रक सिखाने के बहाने उन्हें अपने साथ ले गया था। खोराबार थाना पुलिस ने रामसिंह को जेल भेजा था। इस मामले में रामसिंह चार वर्ष बाद जेल से छूटा था।
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