UP Ayurveda Department: आयुष मंत्री के चहेतों की ठसक के आगे शासन नतमस्तक!

कार्यवाहक प्रभारियों पर भरोसा, महीनों से नियमित तैनाती को तरस रहे क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अफसर

Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: मुख्यमंत्री योगी आयुष विभाग को नई पहचान देने के प्रति गंभीर हैं। खुद मुख्यमंत्री की पहल पर महानिदेशक आयुष का पद स्वीकृत किया गया। बावजूद इसके आयुष विभाग में रसूखदार अफसरों का मजबूत तंत्र अभी तक कायम है। तभी महीनों बाद भी क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारियों के पदों पर प्रमोशन होने के बावजूद नियमित तैनाती नहीं दी जा रही है। अंदरखाने की खबर के मुताबिक विभागीय मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु के चहेते अफसरों को बरकरार रखने के खातिर कार्यवाहक व्यवस्था खत्म नहीं हो रही है।

29 सितंबर 2023 को जारी शासन का आदेश।

आयुर्वेदिक एवं यूनानी अफसरों की सूची जारी

29 सितंबर को आयुष विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक के बाद 19 क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अफसरों की सूची जारी की थी। वर्तमान में 56 क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अफसरों के पद हैं। आयुर्वेद विभाग के दो दर्जन से ज्यादा डॉक्टरों को कार्यवाहक क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अफसरों के पदों पर लम्बे समय से बिठाकर कामचलाऊ व्यवस्था चलाई जा रही है।

आयुर्वेद डॉक्टरों का प्रमोशन इन पदों पर होने के बावजूद शासन ने अभी तक नियमित तैनाती संबंधी नया आदेश नहीं जारी किया है। इनमें से कुछ कार्यवाहक का प्रभार भी संभाले हैं। आदेश जारी होने से उन कार्यवाहक क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अफसरों का गणित गड़बड़ा सकता है। जो कार्यवाहक का प्रभार संभाले हैं। इनमें लखनऊ समेत तमाम जिलें शामिल हैं।

सूत्रों की मानें तो कार्यवाहक प्रभार संभाले डॉक्टरों का प्रमोशन क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अफसर के पदों पर होने का इंतजार किया जा रहा है। जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे जैसी कहावत चरितार्थ हो सके।

बहुत जल्द नियमित तैनातियां होंगी: दयाशंकर मिश्र

आयुष के राज्य मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने ‘संदेश वाहक’ से उनके दबाव में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अफसर के पदों पर नियमित तैनाती न किये जाने का पूरी तरह खंडन किया है। मिश्र के मुताबिक बहुत जल्द क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अफसर के पदों पर नियमित तैनातियां की जाएंगी। कहां पोस्ट करना है, इसकी सूची बनने के बाद आदेश जारी होगा।

टूटता मनोबल: जूनियर को रिपोर्ट कर रहे सीनियर डॉक्टर

लखनऊ में डॉ. ब्रजेन्द्र कुमार समेत दो डॉक्टर ऐसे हैं। जिनका इस पद पर प्रमोशन हो चुका है। उन्हें अपने से जूनियर डॉक्टर राजकुमार यादव को बतौर क्षेत्रीय प्रभारी रिपोर्ट करना पड़ रहा है। ब्रजेन्द्र समेत कई क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अफसर अगले चंद महीनों में बिना तैनाती रिटायर भी हो जायेंगे। यही हाल गाजीपुर जिले में भी है। जहां कार्यवाहक का प्रभार संभाले क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अफसर से वरिष्ठ डॉक्टर का प्रमोशन इस पद पर होने के बावजूद उन्हें जूनियर के अंडर में काम करना पड़ रहा है।

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