Chandrayaan-3 के कक्षा बदलने की चौथी प्रक्रिया हुई सफल, इस दिन होगी अगली फायरिंग
Sandesh Wahak Digital Desk: भारत का सबसे महत्वपूर्ण मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) चांद की तरफ लगातार बढ़ रहा है. इसी के साथ, चंद्रयान-3 ने गुरुवार को चौथी प्रक्रिया (अर्थ बाउंड ऑर्बिट मैन्यूवर) सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि चंद्रयान-3 अपने मिशन पर लगातार सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है. अब अगली फायरिंग 25 जुलाई को दोपहर 02:00 से 03:00 बजे के बीच करने की योजना है.
कब-कब हुई सफलतापूर्वक प्रक्रिया
15 जुलाई को चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक पृथ्वी की पहली कक्षा में प्रवेश किया था. इसके बाद 17 जुलाई को पृथ्वी की दूसरी और 18 जुलाई को पृथ्वी की तीसरी कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया था. उस समय चंद्रयान-3 अब पृथ्वी से 51400 किमी X 228 किमी दूर स्थित पृथ्वी की कक्षा में मौजूद था. मिशन चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को दोपहर 02:35 बजे श्रीहरिकोटा केन्द्र से उड़ान भरी थी. अगर योजना के अनुसार सब कुछ अच्छे से होता है तो यह 23 या 24 अगस्त को चांद पर उतरेगा. मिशन को चांद के उस हिस्से तक भेजा जा रहा है, जिसे डार्क साइड ऑफ मून कहते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि यह हिस्सा पृथ्वी के सामने नहीं आता.
चंद्रयान-3 की यात्रा बेहद महत्वपूर्ण
मिशन चंद्रयान-3 फ़िलहाल चांद की अपनी यात्रा पर है, जो बेहद महत्वपूर्ण है. इससे पहले चंद्रयान-3 को इसरो के ‘बाहुबली’ रॉकेट एलवीएम3 से भेजा गया. दरअसल, पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर निकलने के लिए बूस्टर या कहें शक्तिशाली रॉकेट यान के साथ उड़ते हैं. अगर आप सीधे चांद पर जाना चाहते हैं, तो आपको बड़े और शक्तिशाली रॉकेट की जरूरत होगी. इसमें ईंधन की भी अधिक आवश्यकता होती है, जिसका सीधा असर प्रोजेक्ट के बजट पर पड़ता है. अगर हम चांद की दूरी सीधे पृथ्वी से तय करेंगे तो हमें ज्यादा खर्च करना पड़ेगा. नासा भी ऐसा ही करता है. लेकिन, इसरो का मिशन सस्ता है, क्योंकि वह चंद्रयान को सीधे चंद्रमा पर नहीं भेज रहा है.
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