इस समझौते के साथ ही खत्म हुआ BharatPe और Ashneer Grover के बीच का विवाद
BharatPe-Ashneer Grover Controversy : फिनटेक कंपनी भारतपे (Fintech Company BharatPe) और उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के बीच 88.67 करोड़ रुपये के फंड की हेराफेरी के मामले में अब समझौता हो गया है. दोनों के बीच लंबी कानूनी लड़ाई चली. आखिरकार, 30 सितंबर को कंपनी की ओर से एक बयान में समझौते की जानकारी दी गई.
फिनटेक कंपनी भारतपे कंपनी की ओर से सोमवार को कहा गया कि अब ग्रोवर किसी भी तरह से कंपनी से जुड़े नहीं है और न ही उनके पास कंपनी की कोई शेयरहोल्डिंग होगी. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि समझौते के मुताबिक, ग्रोवर के कुछ शेयर कंपनी के लाभ के लिए रेजिलिएंट ग्रोथ ट्रस्ट को हस्तांतरित किए जाएंगे और उनके शेष शेयरों का प्रबंधन उनके पारिवारिक ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा.
दोनों पक्षों ने दायर मामलों से हाथ पीछे खींचे
भारतपे की ओर से कहा गया, “दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है. और, हम ग्रोवर के अच्छे होने की कामना करते हैं. भारतपे मुनाफे के साथ ग्रोथ को जारी रखते हुए मर्चेंट्स और ग्राहकों को इंडस्ट्री के अग्रणी सॉल्यूशंस पेश करता रहेगा.
वहीं, अशनीर ग्रोवर का भी बयान आया है. ग्रोवर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “हम भारतपे के साथ एक समझौते पर पहुंच गए हैं. मैं भारतपे के बोर्ड और मैनेजमेंट में पूरा भरोसा रखता हूं, वे कंपनी को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए कार्य कर रहे हैं.”
Ashneer Grover को अब माननी होंगी ये बातें
ग्रोवर ने आगे लिखा “मैं भारतपे के साथ अब किसी भी प्रकार से जुड़ा नहीं रहूंगा. इसमें शेयरहोल्डिंग भी शामिल है. मेरे बाकी के शेयर फैमिली ट्रस्ट द्वारा मैनेज किए जाएंगे. दोनों पार्टियों ने केस को आगे न बढ़ाने का निर्णय लिया है. मुझे विश्वास है कि भारतपे के सभी पक्षों को इसका लाभ होगा.”
अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर को 88.67 करोड़ रुपये फंड की हेराफेरी करने के मामले में भारतपे से निकाल दिया गया था. इसके बाद कंपनी ने पैसों की वापसी के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था.
पिछले हफ्ते दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) की ओर से इस मामले में दीपक गुप्ता को गिरफ्तार किया था, जो कि ग्रोवर के परिवार से ही था. इससे पहले एक अन्य आरोपी अमित बंसल को भी ईओडब्ल्यू की ओर से गिरफ्तार किया गया था.