‘देश बेरोजगारी के टाइम बम पर बैठा है’, कांग्रेस का दावा- 10 साल में 12 करोड़ युवा हुए बेरोजगार
Sandesh Wahak Digital Desk: कांग्रेस ने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट (आईएचडी) की भारत में रोजगार की स्थिति से संबंधित रिपोर्ट को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि देश बेरोजगारी के ‘टाइम बम’ पर बैठा है और युवा यह समझ चुके हैं कि मोदी सरकार रोजगार नहीं दे सकती।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, जयराम रमेश और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इस रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस के पास रोजगार को लेकर ठोस योजना है।
खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, हमारे युवा मोदी सरकार की दयनीय उदासीनता का खामियाजा भुगत रहे हैं, क्योंकि लगातार बढ़ती बेरोजगारी ने उनका भविष्य बर्बाद कर दिया है।
उनके मुताबिक, आईएलओ और आईएचडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बेरोजगारी की समस्या गंभीर है। उन्होंने दावा किया हम बेरोज़गारी के ‘टाइम बम’ पर बैठे हैं। लेकिन मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार यह कहकर प्रिय नेता का बचाव करते हैं कि सरकार बेरोजगारी जैसी सभी सामाजिक, आर्थिक समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती।
खरगे का कहना था कि 2012 की तुलना में मोदी सरकार में युवा बेरोजगारी तीन गुना हो गई है, कांग्रेस युवा न्याय लेकर आई है। उन्होंने दावा किया कि ‘मोदी जी ने 10 साल में 20 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन युवाओं से 12 करोड़ से ज्यादा नौकरियां छीन लीं’।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कही ये बात
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि भारत के कुल कार्यबल में जितने बेरोजगार हैं, उनमें 83 प्रतिशत युवा हैं। कुल बेरोजगारों में शिक्षित युवाओं की हिस्सेदारी 2000 में 35.2 प्रतिशत थी। 2022 में यह 65.7 प्रतिशत यानी लगभग दोगुनी हो गई है।
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार कह रहे हैं कि सरकार बेरोजगारी की समस्या हल नहीं कर सकती।
प्रियंका गांधी ने दावा किया कि यही भाजपा सरकार की सच्चाई है। आज देश का हर युवा समझ चुका है कि भाजपा रोजगार नहीं दे सकती। जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन और इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट द्वारा कल जारी ‘द इंडिया एंप्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024’ पिछले 10 साल के ‘अन्याय काल’ में भारत के श्रम बाजार को लेकर कुछ चिंताजनक तथ्य प्रस्तुत करती है।
उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हर साल लगभग 70-80 लाख युवा श्रम बल में शामिल होते हैं, लेकिन 2012 और 2019 के बीच रोज़गार में वृद्धि लगभग न के बराबर हुई। 2022 में शहरी युवाओं (17.2 प्रतिशत) के साथ-साथ ग्रामीण युवाओं (10.6 प्रतिशत) के बीच भी बेरोज़गारी दर बहुत अधिक थी। शहरी क्षेत्रों में महिला बेरोज़गारी दर 21.6 प्रतिशत के साथ काफी ज़्यादा थी।
रमेश ने कांग्रेस के पांच ‘युवा न्याय’ और 25 ‘गारंटी’ का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘प्रधानमंत्री चाहे जितना भी ध्यान भटकाने और मुद्दों को घुमाने की कोशिश कर लें, युवाओं के बीच बेरोज़गारी 2024 के लोकसभा चुनाव का बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है। कांग्रेस पार्टी ने इसे लेकर एक ठोस कार्ययोजना पेश की है।
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