यूपी में सुर्खियां बटोर रहा नौकरशाही की दो सुप्रीम ताकतों का आपसी द्वंद्व

Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: उत्तर प्रदेश में नौकरशाही के दो सुप्रीम धड़ों के बीच लम्बे समय से तलवारें खिंची हुई हैं। घूसखोरी काण्ड में निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश के प्रकरण के बाद तकरार ने मानो रफ़्तार पकड़ी है।

खेमों में बंटे आईएएस अफसर, एक-दूसरे की पोल खोलने की चल रही मुहिम

एक दूसरे की पोल खोलने के लिए शीर्ष अफसरों के बीच द्वंद्व तेज होता दिखाई दे रहा है। नौकरशाही के गलियारों में चर्चा है कि क्या सीएम योगी इस आंतरिक संग्राम को शांत करने के लिए कोई अहम कदम उठाएंगे। नौकरशाही में बदलाव होने की संभावना भी इसमें से एक है।

CM Yogi

सीएम योगी से जुड़े सत्ता शीर्ष पर बैठे वरिष्ठ आईएएस का इस्तकबाल किसी से छुपा नहीं है। ट्रांसफर पोस्टिंग में इसी ताकतवर अफसर का दखल हमेशा से बरकरार है। आलम ये है कि लम्बे समय से तैनात और अहम पद पाने वाले अफसरों के बारे में कहा जाता है कि इन्हे ‘एसपीजी सुरक्षा’ प्राप्त है। इसी बीच दूसरे धड़े की कमान संभाले ताकतवर सजातीय नौकरशाह ने सीएम योगी का भरोसा ऐसा जीता कि कुछ समय पहले सीधे नौकरशाही की सबसे प्रमुख कुर्सी पर बिठा दिए गए। उनसे जुड़े विभागों में किसी भी प्रकार की दखलअंदाजी नहीं करने की हिदायद सीएम योगी ने पहले ही दे रखी थी।

आईएएस एम देवराज

सूत्रों की माने तो तभी पूर्व में आईएएस एम देवराज ऊर्जा विभाग से हटाए जाने के बाद औद्योगिक विकास विभाग के मुखिया बनते-बनते रह गए। सीएम के भरोसे को देखते हुए नौकरशाही की सबसे अहम कुर्सी पर बैठने के बावजूद पूर्व पदों का चार्ज भी इस ताकतवर आईएएस के पास बर$करार रखा गया। नौकरशाही में एक तबके ने इसी सुप्रीम धड़े को मानो अपना मुखिया बना लिया है। तैनातियों में इसकी झलक अक्सर दिखाई भी दे रही है।

अभिषेक प्रकाश

इन्वेस्ट यूपी के पूर्व सीईओ अभिषेक प्रकाश की दोनों गुटों से अच्छी छनती थी। इनमें से एक ताकतवर अफसर के कैम्प में उनकी आमद अक्सर देखी जाती रही है। अभिषेक के ऊपर 400 करोड़ की घूसखोरी का संगीन आरोप लगते ही सीएम योगी जिस अंदाज में हरकत में आये, उससे दूसरे सुप्रीम धड़े के कान खड़े होते देर नहीं लगी। इसका जिम्मेदार दूसरे ताकतवर धड़े को माना जा रहा है।

हालांकि नौकरशाही के एक अपर मुख्य सचिव स्तर के अफसर के मुताबिक इस काण्ड में कार्रवाई सीधे दिल्ली दरबार के इशारे के बाद हुई है। फिलहाल नौकरशाही के गलियारों में चर्चा है कि वर्तमान हालातों को देखते हुए नौकरशाही की दोनों सुप्रीम ताकतों के बीच जंग अभी और परवान चढ़नी तय है।

यूं ही नहीं वायरल हुए सम्पत्तियों के दस्तावेज

माना जा रहा है कि नौकरशाही के दोनों ताकतवर धड़ों के बीच जंग का नतीजा ही था कि दागी बिल्डर की टाउनशिप में प्रभावशाली अफसर की तमाम सम्पत्तियां बताते हुए दस्तावेज वायरल किये गए। चर्चा है कि एक धड़े की सक्रियता ने एफआईआर में आईएएस अभिषेक प्रकाश का नाम अभी तक जुडऩे नहीं दिया है। नौकरशाही की सबसे अहम कुर्सी खाली होते ही इनमें से एक वरिष्ठ आईएएस को बिठाये जाने के कयास भी लगाए जा रहे हैं।

IAS

कई अफसरों ने किया केंद्र का रुख, बाकी हो गए साइलेंट

नौकरशाही में भीषण द्वंद को देखते हुए जहां कई आईएएस केंद्र का रुख कर चुके हैं। वहीं कई और जाने की फिराक में है। कई अफसरों ने सेवा को भी अलविदा बोलने से गुरेज नहीं किया। वहीं एक ताकतवर वरिष्ठ आईएएस का केंद्र में इम्पैनलमेंट भी हुआ। लेकिन इसी रस्साकशी के चलते अभी तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वे अफसर नहीं जा सके। कई बड़े आईएएस वर्षों से अहम तैनातियों से चिपके हैं। कई आईएएस खुद को साइलेंट जोन में रखे हैं।

Also Read: उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में घोटालेबाजों पर कार्रवाई के दोहरे मापदंड

Get real time updates directly on you device, subscribe now.