प्राविधिक शिक्षा विभाग: 105 अफसरों की नौकरी पर लटकी तलवार, 15 दिन में मांगा गया नोटिस का जवाब
Sandesh Wahak Digital Desk: प्राविधिक शिक्षा विभाग के 105 अधिकारियों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। प्रदेश भर में फार्मेसी संस्थान खोलने और उन्हें मान्यता देने के मामले में दी जाने वाली एनओसी जारी करने में अधिकारियों की ओर से बड़ा खेल किया गया है। जरूरी दस्तावेज एवं जरूरी मानकों को पूरा नहीं करने वाले अपात्र संस्थानों को भी अधिकारियों की ओर से डी-फार्मा कोर्स की एनओसी दे दी गई थी। दोबारा जांच होने के बाद अब प्राविधिक शिक्षा विभाग ने नए सिरे से 105 अधिकारियों को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है।
तीन सदस्यीय समिति की दोबारा जांच में गड़बड़ी के कुछ और नए तथ्य आए थे सामने
इसकी शिकायत जब मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंची तो विभाग को इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच करा कर रिपोर्ट तलब की गई। इसके बाद पूरे मामले की विभागीय जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट संतोषजनक नहीं मिलने पर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाकर दोबारा जांच कराई गई, जिसमें गड़बड़ी के कुछ और नए तथ्य सामने आए।
इसके बाद फिर से दो सदस्यीय समिति से पूरे मामले की जांच करा गई जिसकी रिपोर्ट के बाद प्राविधिक शिक्षा परिषद ने आरोपी सभी 105 अधिकारियों को आरोप पत्र जारी कर दिया है। साथ ही 15 दिनों के भीतर जवाब भी मांगा हैं। मामले में विभागीय मंत्री आशीष पटेल का कहना है कि इस प्रकरण में जो भी दोषी पाये जायेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
एनओसी के लिए क्या है मानक?
फार्मेसी संस्थान खोलने के लिए 28 बिन्दुओं के मानक तय हैं, जिसमें प्रमुख रूप से संस्थान के पास अपना या सोसायटी का भवन है या किराये का। न्यूनतम 10 क्लास रूम है या नहीं। लाइब्रेरी है या नहीं, कितनी बड़ी है, उसमें कितने व्यक्ति के बैठकर पढऩे की क्षमता है। अलग-अलग विषय की प्रयोगशालाएं है या नहीं, भवन में कितनी संख्या में शौचालय है या नहीं। सूची के अनुसार उपकरण उपलब्ध है या नहीं, साफ-सफाई एवं पेयजल की व्यवस्था है या नहीं।
जांच में इन तथ्यों का हुआ है खुलासा
तीन बार हुई जांचों में कई महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा हुआ है। मसलन एनओसी देते समय अधिकारियों ने आवेदकों के राजस्व अभिलेखों में पाई गई कमियों को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया। कई जगहों पर पीसीआई (फार्मेसी काउन्सिल ऑफ इण्डिया) के मानकों के अनुसार पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं व उपकरणों की कमी के बावजूद एनओसी प्रदान की गई। संस्थान का भवन सोसायटी का है या किराये की इस बारे में भी कई संस्थानों की आधी-अधूरी सूचनाएं ही दी गई है।
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