सपा-आरएलडी गठबंधन पर सस्पेंस बरक़रार, समीकरण साधने में जुटी भाजपा
आगामी लोकसभा चुनाव में सभी पार्टियां अपने समीकरण बैठाने में लगी हुई हैं। जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी नए गठजोड़ की जुगत में लगी हुई है तो सपा भी अपने लिए कोई मजबूत सहारा ढूंढ रही है।
Sandesh Wahak Digital Desk: आगामी लोकसभा चुनाव में सभी पार्टियां अपने समीकरण बैठाने में लगी हुई हैं। जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी नए गठजोड़ की जुगत में लगी हुई है तो सपा भी अपने लिए कोई मजबूत सहारा ढूंढ रही है। 2022 विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने कई दलों (करीब 10 दल) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था लेकिन जिस जीत की उम्मीद थी वह हासिल नहीं हो पाई।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल के सहारे चुनावी मैदान में उतरी थी लेकिन जिस चमत्कार की उम्मीद सपा को थी वह नहीं हो पाया। सपा ने 2022 विधानसभा चुनाव में 111 सीट हासिल की तो आरएलडी ने 33 सीटों पर प्रत्याशी उतारकर मात्र 8 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई। चुनाव से पहले आरएलडी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी आंधी बता रही थी पर चुनावी नतीजे आने के बाद सवाल खड़े होने शुरू हो गए।
वहीं भाजपा समय-समय पर आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी को अपने पाले में लाने की गुपचुप कोशिश भी करती रहती है। 2017 विधानसभा चुनाव में आरएलडी ने 277 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन बीजेपी को मिले जनसमर्थन के आगे 266 प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई थी। भाजपा क्षेत्रीय पार्टियों को अपने साथ लाने में लगी हुई है।
सपा और आरएलडी के गठबंधन पर सस्पेंस बरक़रार
उत्तर प्रदेश में 2024 लोकसभा चुनाव से पहले कोई नया गठबंधन बनने वाला है इससे इंकार नहीं किया जा सकता है। हाल ही में प्रदेश में संपन्न हुए निकाय चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कई ऐसी सीटें थी। जहां पर सपा ने अपना प्रत्याशी उतारा तो उसकी सहयोगी पार्टी आरएलडी ने भी ताल ठोक की। हालांकि दोनों ही पार्टियों को निकाय चुनाव में कोई बड़ी सफलता नहीं मिली पर एक सवाल जरूर खड़ा होने लगा कि दोनों पार्टियों का गठबंधन 2024 लोकसभा चुनाव तक बना रहेगा या नहीं।
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