दारफुर में भीषण हिंसा से कांपा सूडान, दो दिन में 300 से अधिक नागरिकों की मौत, UN ने जताई चिंता

Sandesh Wahak Digital Desk: अफ्रीकी देश सूडान एक बार फिर भीषण हिंसा की आग में जल रहा है। दारफुर क्षेत्र में दो दिनों तक चली भयानक लड़ाई में 300 से अधिक निर्दोष नागरिकों की जान चली गई है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसी ने दी है। इस हालिया हिंसा ने एक बार फिर सूडान के लंबे समय से चले आ रहे गृहयुद्ध और सत्ता संघर्ष की भयावहता को उजागर कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, शुक्रवार और शनिवार को उत्तर दारफुर में स्थित दो राहत शिविरों पर सशस्त्र हमले किए गए। इनमें न सिर्फ आम नागरिकों की जान गई, बल्कि 10 मानवीय सहायता कर्मी भी मारे गए। मृतकों में कई मासूम बच्चे भी शामिल हैं। स्थानीय सूत्रों के हवाले से UN ने कहा है कि मरने वालों की संख्या 300 से अधिक हो सकती है और घायलों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है।
गृहयुद्ध के पीछे सत्ता और जातीय संघर्ष
सूडान में यह गृहयुद्ध कोई नया नहीं है। करीब दो साल से सेना (Sudanese Armed Forces – SAF) और अर्धसैनिक बल (Rapid Support Forces – RSF) के बीच सत्ता की लड़ाई चल रही है। 2021 में तख्तापलट के बाद से दोनों ताकतवर गुट देश की सत्ता पर नियंत्रण चाहते हैं, जिससे देश में लगातार अस्थिरता बनी हुई है।
इसके अलावा सूडान में जातीय और क्षेत्रीय टकराव भी हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं। दारफुर, कोर्डोफन और ब्लू नाइल जैसे इलाकों में संसाधनों और जमीन को लेकर विभिन्न जनजातियों के बीच संघर्ष होता रहा है, जो समय-समय पर खूनी झड़पों में बदल जाता है।
जनता दहशत में, राहत प्रयास बाधित
वर्तमान हालात में लोग दहशत में जी रहे हैं और बड़ी संख्या में लोग पलायन को मजबूर हैं। राहत कार्यों में लगे संगठनों के लिए हालात बेहद चुनौतीपूर्ण हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सूडान में शांति स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है।
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