Students Protest In Dhaka: ढाका के शहीद मीनार पर छात्रों ने किया प्रदर्शन, क्या बांग्लादेश का नाम और संविधान बदलने की है तैयारी?
Students Protest In Dhaka: बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल का दौर जारी है। शेख हसीना सरकार को अपदस्थ करने वाले छात्र संगठनों ने अब देश के संविधान और नाम में बदलाव की मांग को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है। आज ढाका के शहीद मीनार पर करीब 30 लाख छात्रों के जुटने की संभावना है। संगठन के सदस्य सचिव आरिफ सोहेल ने इस प्रदर्शन की घोषणा करते हुए आम जनता से भी इसमें शामिल होने की अपील की है।
प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य देश के संविधान को पूरी तरह बदलना और बांग्लादेश का नया नाम रखना बताया जा रहा है। संभावित नामों में “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश” को लेकर सबसे अधिक चर्चा है।
संविधान में बदलाव और शरिया कानून की संभावना
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, छात्रों का उद्देश्य देश में शरिया कानून लागू करना और वर्तमान सरकार को पूरी तरह हटाना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुहम्मद यूनुस को अंतरिम राष्ट्रपति बनाने की योजना है। छात्रों ने आर्मी चीफ और मौजूदा राष्ट्रपति से इस्तीफे की भी मांग की है।
पुलिस और छात्रों के बीच टकराव की आशंका
छात्र संगठन ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत शाम तीन बजे से तय की है। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज, आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल हो सकता है।
सरकार और छात्रों में नहीं बनी सहमति
राष्ट्रीय नागरिक समिति और छात्रों के बीच बैठक के बावजूद कोई समाधान नहीं निकल पाया। सरकार ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अडिग हैं।
क्या बदलेगा बांग्लादेश का नाम?
छात्र संगठनों द्वारा बांग्लादेश का नया नाम रखने के लिए तीन विकल्प सुझाए गए हैं:
1. इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश
2. इस्लामिक ऑफ बांग्लादेश
3. इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईस्ट पाकिस्तान
आंदोलन के परिणाम पर नजर
छात्रों का यह प्रदर्शन बांग्लादेश के राजनीतिक और सामाजिक भविष्य को किस दिशा में ले जाएगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। अंतरिम सरकार के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।
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