UP: एसटीएफ ने फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का किया भंडाफोड़, 24 गिरफ्तार
Sandesh Wahak Digital Desk : गाजियाबाद पुलिस की नाक के नीचे चार साल से चल रहे फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़ एसटीएफ ने किया है। उक्त कॉल सेंटर से अमेरिकी नागरिकों के साथ ठगी की जा रही थी। मौके से दो पार्टनर समेत 24 लोगों को गिरफ्तार किया है।
एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि अमेरिकन नागरिक समीर गुप्ता और जॉन जोन्स ने शिकायत की थी कि जालसाज अंकुर गुप्ता और वरुण सूद ने कॉल सेंटर के धोखाधड़ी करते हुए उनके बैंक ऑफ अमेरिका खाते से मुद्रा हांगकांग के एचएसबीसी खाते में ट्रांसफर कर ली। एसटीएफ ने जांच की तो पता चला कि जालसाज पार्टनर बिसरख इलाके में कॉल सेंटर चला रहे हैं। जिसके बाद एसटीएफ ने लोकल पुलिस के साथ छापेमारी कर संचालकों समेत 24 आरोपियों को पकड़ा।
एमबीए पास आरोपी संचालक गिरफ्तार
एमबीए पास आरोपी संचालक अंकुर ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2004 से 2011 के बीच कई कॉल सेंटर में कई पदों पर नौकरी की। फिर दिल्ली के करोलबाग में मोबाइल इंपोर्ट कर बेचने का काम किया। इसी दौरान अमेरिका निवासी नितिन सिंह से मुलाकात हुई। उसने इसे यूएसए से एप्पल आईफोन को तस्करी कर हांगकांग के रास्ते चेन्नई लाने का काम शुरू कराया। इसी बीच उसकी मुलाकात गुजरात निवासी अगडिए मुकेश शाह से हुई।
2019 में मुकेश ने हांगकांग में उसकी मुलाकात फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर चलाकर ठगी करने वाले हिमांशु गुप्ता से कराई। उसी से काम सीखने के बार वह चार साल से फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर चला रहा था। दिल्ली में काम के दौरान मोबाइल रिपेयरिंग का काम करने वाले तरुण से दोस्ती हुई थी। उसी के साथ मिलकर वह कॉल सेंटर ऑपरेट करने लगा।
हैकर्स के पास यूएसए नागरिकों का डेटा रहता
आरोपी अंकुर डार्क वेब और टेलीग्राम चैनल के माध्यम से कॉल जनरेटिंग हैकर्स से संपर्क में आया। उन हैकर्स के पास यूएसए नागरिकों का डेटा रहता है। वे इस डेटा को एसएमएस ब्लास्टिंग, ई मेल ब्लास्टिंग और पॉपअप्स के माध्यम से यूएसए नागरिकों के मोबाइल और मेल पर भेजकर मोबाइल बैंकिंग व इंश्योरेंस जैसी समस्याओ का ऑफर देते थे। जैसे ही विदेशी कॉल करता तो वह कॉल क्लाउड बेस्ड डीलर के माध्यम से अंकुर के कॉल सेंटर पर आ जाती थी।
इसके लिए आरोपी अंकुर हैकर्स को बिट क्वाइन में पेमेंट करता था। अंकुर ने विभिन्न प्लेटफार्म पर छह क्रिप्टो वॉलेट बना रखे हैं। विदेशी की कॉल आने पर जालसाज यूएसए डॉलर पेमेंट मोड्स के माध्यम से बिट क्वाइन, जेली, गिफ्टकार्ड और कैश एप के माध्यम से हांगकांग के खातों में ट्रांसफर करा लेता था। इन अकाउंट के लिए अंकुर धारकों की क्रिप्टो करेंसी में पेमेंट करता था। फिर ये रकम कैश में अगडिए के माध्यम से अंकुर और तरुण के पास पहुंचती थी।
ये हुए गिरफ्तार
आरोपियों में अंकुर गुप्ता निवासी आदित्य मेगा सिटी गाजियाबाद, तरुण कुमार निवासी हापुड़ हालपता इंदिरापुरम गाजियाबाद, हिमांशु शर्मा, वरुण, सौरभ, अर्जुन पाल, विजय शर्मा, गौरव जैन निवासी दिल्ली, आशीष झा, शुभम, संजय कुमार, अंकुश, शेखर पांडेय, विक्रांत कुमार, अतुल कौशिक, अजय कुमार, रवि, शुभम सिंह, सुरेश, मंजर इमाम, सुमित सिंह निवासी गाजियाबाद, चेतन निवासी मेरठ, नीरज तोमर निवासी हापुड़ व कृशानू कोले निवासी कोलकाता हालपता दिल्ली हैं।
ये हुआ बरामद
आठ लक्जरी कार, 23 लैपटॉप, 36 मोबाइल, धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए 60 प्रिंटआउट, 4 लाख रुपए, 770 हांगकांग डॉलर, 318 सिंगापुर डॉलर, 6170 थाईलैंड मुद्रा व 1445 दुबई दरहम बरामद हुई है।
Also Read : अपोलो में दुधमुंहे की मौत के मामले में डॉक्टरों पर कार्रवाई, कोर्ट के…