South Korea: राष्ट्रपति यून को हिरासत में लेने गई एजेंसी को खाली हाथ लौटना पड़ा, समर्थकों ने रोका रास्ता !

South Korea: दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक येओल को हिरासत में लेने के लिए भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी के अधिकारियों को उनके आवास से खाली हाथ लौटना पड़ा। शुक्रवार को सियोल स्थित राष्ट्रपति आवास पर इस मामले में घंटों तक नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला, लेकिन एजेंसी यून को गिरफ्तार करने में विफल रही। यून के समर्थन में वहां सैकड़ों समर्थक पहले से मौजूद थे, जिनकी वजह से एजेंसी को कदम पीछे खींचने पड़े।

अदालत ने जारी किया था गिरफ्तारी वारंट

दक्षिण कोरिया की एक अदालत ने हाल ही में यून सुक येओल के खिलाफ अल्पकालिक मार्शल लॉ लागू करने के मामले में गिरफ्तारी और उनके कार्यालय की तलाशी के लिए वारंट जारी किया था। आरोप है कि 3 दिसंबर को लागू किए गए इस मार्शल लॉ का उद्देश्य विद्रोह की तरह था। एजेंसी ने कहा कि वह इस मामले में जांच करना चाहती है।

आवास पर तैनात हजारों पुलिसकर्मी

यून के आवास पर हजारों पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी ताकि किसी भी तरह के हिंसक प्रदर्शन को रोका जा सके। हालांकि, अब तक पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच किसी झड़प की सूचना नहीं है। अगर यून को हिरासत में लिया जाता, तो एजेंसी को 48 घंटे के भीतर उनकी औपचारिक गिरफ्तारी के लिए वारंट का अनुरोध करना पड़ता या उन्हें रिहा करना पड़ता।

महाभियोग प्रस्ताव पहले ही पारित

राष्ट्रपति यून सुक येओल के खिलाफ 14 दिसंबर को ‘नेशनल असेंबली’ में महाभियोग प्रस्ताव पारित हो चुका है। इसके बाद राष्ट्रपति के तौर पर उनकी सभी शक्तियां निलंबित कर दी गई थीं। अब संवैधानिक अदालत को यह तय करना है कि यून को पद से हटाया जाए या उनकी शक्तियों को बहाल किया जाए।

वकील ने गिरफ्तारी को बताया अवैध

यून सुक येओल के वकील ने अदालत द्वारा जारी वारंट को अवैध करार दिया है। वकील का कहना है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है। यून पहले भी जांच टीम के सवालों का जवाब देने और अपने कार्यालय की तलाशी के लिए अनुमति देने से इनकार कर चुके हैं।

समर्थकों की वजह से नहीं हो सकी गिरफ्तारी

यून के आवास के बाहर उनके समर्थकों की भारी भीड़ जमा थी, जो गिरफ्तारी का विरोध कर रही थी। समर्थकों का कहना है कि राष्ट्रपति के खिलाफ लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और यह उनके खिलाफ साजिश है।

पहले भी कई अधिकारी हो चुके हैं गिरफ्तार

इस मामले में यून के रक्षा मंत्री, पुलिस प्रमुख और कई सैन्य कमांडरों को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है। लेकिन राष्ट्रपति यून सुक येओल की गिरफ्तारी का मामला उनके समर्थकों के विरोध और राजनीतिक उथल-पुथल की वजह से और जटिल हो गया है।

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