UP News: आजम खान के खिलाफ शुरू हुई SIT की जांच, 18 साल बाद दोबारा खुला केस

Sandesh Wahak Digital Desk: यूपी की सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.

Azam Khan

दरअसल, अब आजम खान के खिलाफ 18 साल पुराना केस खोला गया गया है. इसमें उन पर जमीन कब्जा करने और चंदा नहीं देने पर फैक्ट्री तोड़े जाने का आरोप लगा है. इस बंद केस की फिर से जांच के लिए एसपी रामपुर ने विशेष जांच दल का गठन किया है. रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा फिर से मामले की जांच करने के आदेश पर एसपी ने विशेष जांच टीम का गठन किया है.

जानकारी के अनुसार, यह मामला साल 2004 का है. उस समय अफसर खान की फैक्ट्री को बुलडोजर से तोड़ दिया गया था. आरोप है कि आजम खान ने यूनिवर्सिटी के लिए 5 लाख रुपये चंदे की मांग की थी. चंदा नहीं मिलने से नाराज आजम खान ने अफसर खान की फैक्ट्री गिरवा दी थी और जमीन पर कब्जा कर लिया था.

Azam Khan

इस मामले को लेकर बसपा सरकार के समय साल 2007 में अफसर खान ने रामपुर के थाना गंज में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. इसके बाद साल 2012 में जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी, तो इस मामले को पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाकर बंद कर दिया.

इसके बाद अफसर खान इस मामले की पैरवी का प्रयास करते रहे. उनकी मौत के बाद बेटे ज़ुल्फ़िकार ने रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट में इस मामले की पुन: जांच की गुहार लगाई. इस पर आदेश देते हुए एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खान के विरुद्ध पुन: जांच के आदेश दिए.

पीड़ित जुल्फिकार ने बताया कि आजम खान ने 2004 में फैक्ट्री तोड़ दी थी. पापा ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी. उन्होंने ₹5 लाख रुपये मांगे थे. झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी थी. अब हमने 18 साल बाद इंसाफ की गुहार लगाई है. हम कोर्ट गए और कोर्ट से हमें इंसाफ मिलेगा. दोबारा सुनवाई का आदेश हो गया है. अब हम इंसाफ चाहते हैं.

Azam Khan

जुल्फिकार ने कहा कि अब लग रहा है कि इंसाफ मिलेगा. हमारे यहां बहुत बुरा मंजर था. आज हम रिक्शा चला रहे हैं. छोटे वाले भाई भी रिक्शा चलाते हैं. सारा सामान कबाड़ में ऐसे ही चला गया.

वहीं, पुलिस अधीक्षक विद्यासागर मिश्र ने बताया कि देखिए 2007 में थाना गंज में केस दर्ज हुआ था. इसकी विवेचना तत्कालीन विवेचक के द्वारा करने के बाद अंतिम रिपोर्ट पेश की गई थी. कोर्ट ने रिपोर्ट को निरस्त करते हुए अग्रिम विवेचना कराए जाने के लिए आदेश पारित किया है. न्यायालय के आदेश पर प्रभारी निरीक्षक के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई है.

Also Read: Old Age Pension: सीनियर सिटीजन के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला, बुजुर्गों के खिल उठे चेहरे

Get real time updates directly on you device, subscribe now.