Shine City Scam: 16 माह से शाइन सिटी घोटाले की जांच ठप, एजेंसियों पर बिफरा हाईकोर्ट

भगोड़े राशिद नसीम पर मेहरबानी, ईडी सीबीआई-ईओडब्ल्यू एसएफआईओ को जांच में गंभीर लापरवाही पर कड़ी फटकार लगाई

Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: शाइन सिटी घोटाले (Shine City Scam) की जांच पिछले 16 माह में एक इंच भी आगे नहीं बढ़ी। मास्टरमाइंड राशिद नसीम दुबई में मौज काट रहा है, प्रत्यर्पण की कार्रवाई भी मानो ठप है। ये तल्ख अंदाज हाईकोर्ट का है। जो 60 हजार करोड़ के शाइन सिटी घोटाले (Shine City Scam) की जांच में गंभीर लापरवाही पर ईडी, एसएफआईओ, सीबीआई और ईओडब्ल्यू के जिम्मेदार अफसरों पर इस बार बिफर पड़ा।

बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ में शामिल न्यायाधीश सिद्धार्थ और न्यायाधीश प्रशांत कुमार ने घोटाले के सिलसिले में दायर याचिका की सुनवाई के बाद जारी आदेश में जांच एजेंसियों को बेनकाब कर दिया। कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट डेटा की जांच ही नहीं हुई।

ईडी की जांच को भी हाईकोर्ट ने बताया असंतोषजनक

पिछली सुनवाई को 16 महीने बीतने के बावजूद हाईकोर्ट ने एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी तो एसएफआईओ की ओर से सिर्फ एक पन्ने की रिपोर्ट सामने रखी गई। जिसे हाईकोर्ट ने दिखावा करार दिया जबकि एसएफआईओ और ईडी ने हाईकोर्ट में 30.11.2022 की सुनवाई में 60 दिन और तीन माह का समय जांच में प्रगति के लिए मांगा था। ईडी की जांच को भी हाईकोर्ट ने बेहद असंतोषजनक बताया। ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर अगली सुनवाई पर उपस्थित होंगे।

अतीक

विदेश मंत्रालय ने जारी किया प्रत्यर्पण के लिए नोटिस

उच्च न्यायालय ने ईडी की स्टेटस रिपोर्ट पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए उसे मानो नकार दिया। एजेंसियों ने बताया कि रेड कॉर्नर के साथ विदेश मंत्रालय ने राशिद के प्रत्यर्पण के लिए नोटिस जारी किया है। लुक आउट नोटिस के बाद सीबीआई भी हाथ पर हाथ धरकर बैठ गई। हाईकोर्ट ने ईओडब्ल्यू को लताड़ते हुए कहा कि कोई जांच अभी तक नहीं की गयी। मुख्य आरोपी भारत से फरार होकर दुबई में आराम से घूम रहा है। एजेंसियों को भगोड़े राशिद के खिलाफ लंबित मामलों की जानकारी के बावजूद उसे दुबई में पासपोर्ट जारी किया गया।

हाईकोर्ट ने दु:ख जताते हुए कहा कि देश की सभी शीर्ष एजेंसियां राशिद का ठिकाना नहीं ढूंढ सकीं, जबकि कोर्ट में मौजूद आरोपी महिला शशिबाला भगोड़े के संपर्क में लगातार बनी हुई थी। आरोपियों से साठगांठ के आरोपी ईओडब्ल्यू के निलंबित जांच अधिकारी सांवल प्रसाद को फिर ईओडब्ल्यू में पोस्टिंग दी गयी। दिसंबर 2018 से 2021 तक एफआईआर दर्ज करने के बावजूद ईओडब्ल्यू ने कोई ठोस जांच अभी तक नहीं की है। हाईकोर्ट ने 21 दिसंबर 2022 को जारी आदेश में भी एजेंसियों पर गहराई नाराजगी जताते हुए कहा था कि वे जांच के प्रति कतई गंभीर नहीं हैं।

राशिद नसीम और आसिफ नसीम (फाइल फोटो)

राहत फाउंडेशन व भव्य ब्रॉडकास्टिंग की जांच नहीं

जिस राहत फाउंडेशन और भव्य ब्रॉडकास्टिंग कंपनी में मास्टरमाइंड राशिद नसीम और उसके भाई आसिफ नसीम की पत्नियां ट्रस्टी हैं। उनके खिलाफ आज तक जांच नहीं शुरू हुई। ईओडब्ल्यू ने सिर्फ पत्नियों को नोटिस जारी करके जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। दोनों संगठनों पर शाइन सिटी की करोड़ों की काली कमाई के जरिये मनी लांड्रिंग करने के आरोप हंै।

सुनवाई आज, पेश होंगे गृह सचिव और डीजी ईओडब्ल्यू

घोटाले की जांच में 16 महीनों से ठोस प्रगति नहीं होने पर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को डीजी ईओडब्ल्यू और गृह सचिव (अपर मुख्य सचिव गृह) को दस बजे व्यक्तिगत रूप से सुनवाई के दौरान तलब किया है। दोनों अफसर पिछले डेढ़ वर्षों की जांच की प्रगति रिपोर्ट की जानकारी हाईकोर्ट के समक्ष रखेंगे।

राशिद नसीम के साथ अमिताभ श्रीवास्तव (फाइल फोटो)

रजिस्ट्री फर्जीवाड़े पर कोर्ट सख्त, वकील को धमकियां

वाराणसी जेल में बंद शाइन सिटी (Shine City) के डायरेक्टर अमिताभ श्रीवास्तव के लखनऊ आकर करोड़ों की जमीन की रजिस्ट्री करने के मामले में हाईकोर्ट सख्त है। निवेशकों को न्याय दिलाने में जुटे वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव को लगातार जान से मारने की धमकियां देकर मामले वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने इस संबंध में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार सेे शिकायत की हैं।

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