माध्यमिक शिक्षा परिषद : पढ़ाई शुरू, बाजार से गायब एनसीईआरटी की किताबें
तीन माह हो चुके कक्षा 9 से 12 तक की किताबें नसीब नहीं
Sandesh Wahak Digital Desk : माध्यमिक शिक्षा परिषद की कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई शुरू हुए तीन माह बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक नए शैक्षिक सत्र 2023-24 के विद्यार्थियों को किताबें नसीब नहीं हुई है,क्योंकि अभी तक कक्षा 9 से 12 तक चलने वाली एनसीईआरटी की किताबें छापने के लिए प्रकाशकों का नाम तय नहीं कर पाया है। लिहाजा विद्यार्थी निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें खरीदने को मजबूर हैं।
यूपी बोर्ड की कक्षा 9 व 12 का नए शैक्षिक सत्र 2023-24 अप्रैल से शुरू हो चुका है। विद्यार्थियों को उम्मीद थी कि गर्मी की छुट्टी खत्म होते ही किताबें बाजार में मिल जाएंगी, लेकिन बाजार में एनसीईआरटी की सस्ती किताबें नदारत हैं। विद्यार्थी किताबों के लिए दुकान-दर- दुकान भटक रहे हैं। ऐसी हालत में विद्यार्थी पौने दौ सौ रुपए से लेकर 300-400 रुपए की निजी प्रकाशों की किताबें खरीद रहे है।
पीडीएफ से करें पढ़ाई
एनसीईआरटी की किताबों के बाजार में नहीं होने को लेकर यूपी बोर्ड के सचिव का कहना है कि किताबें बाजार में नहीं होने से परेशान होने की जरूरत नहीं है। किताबें छापने के लिए प्रकाशकों के नाम तय करने की प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र ही प्रकाशकों के नाम जारी कर दिए जाएंगे। उनका कहना है कि जुलाई के आखिरी तक एनसीईआरटी की किताबें बाजार में मिलने लगेंगी। तब तक विद्यार्थी यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध किताबों के पीडीएफ से पढ़ाई करें। इस सम्बंध में सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
परिषद ने दिया निजी प्रकाशकों को लूटने का मौका
शिक्षकों का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद ने ही निजी प्रकाशकों को विद्यार्थियों को लूटने का मौका दिया है। हर वर्ष एनसीईआरटी की किताबों को बाजार में उपलब्ध कराने के लिए परिषद प्रकाशको के नामों की अधिकृत सूची जारी करता है, लेकिन परिषद ने समय से अधिकृत प्रकाशकों के नाम नहीं तय किए। इसका फायदा उठाते हुए निजी प्रकाशकों ने एनसीईआरटी के सिलेबस के अनुरूप अपनी किताबें बाजार में उपलब्ध करा दिया है। कई गुना मंहगी इन किताबों को विद्यार्थियों खरीद रहे हैं।
पिछले वर्ष भी परिषद ने किया था खेल
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता, क्वींस कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. आरपी मिश्रा का कहना है कि पिछले वर्ष भी माध्यमिक शिक्षा परिषद ने खेल किया था। उसने प्रकाशकों की सूची समय से उपलब्ध नहीं कराई थी। काफी फजीयत होने के बाद परिषद की ओर से तीन प्रकाशकों के नाम तय किए थे, लेकिन किताबे अक्टूबर तक भी बाजार में नहीं आ पाई थीं।
इस बार संकट अधिक है
उनका कहना है कि गत वर्ष की अपेक्षा इस बार यह संकट और भी अधिक है,क्योंकि अभी तक प्रकाशक परिषद ये ही नहीं तय कर पाया है कि इस सत्र में नई किताबों को कौन प्रकाशक छापेगा। विद्यार्थियों को ये भी नहीं पता कि पिछले वर्ष के तीन प्रकाशकों की किताबें इस वर्ष चलेंगी या नहीं। उन्हें एनसीईआरटी किताबें लेने को कहा गया है, लेकिन यह किताबे बाजार में नहीं है।
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