‘संदेश वाहक’ की खबर का बड़ा असर: बरेली में कृषि विभाग पर रिश्वतखोरी का मामला गरमाया

Sandesh Wahak Digital Desk: बरेली जिले में कृषि विभाग के एक कर्मचारी पर रिश्वत मांगने का मामला सुर्खियों में आ गया है। इस प्रकरण को प्रमुखता से प्रकाशित करने वाले ‘संदेश वाहक’ डिजिटल डेस्क की खबर का सीधा असर दिखा है। प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए किसान को नोटिस जारी कर आरोपों के समर्थन में साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा है।
क्या है पूरा मामला?
ग्राम शिवनगर नौगंवा, ब्लॉक मझगंवा, आंवला निवासी किसान चेतन्य प्रकाश ने कृषि विभाग के बाबू प्रखर सक्सेना पर ₹5000 की रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगाया था। किसान का कहना है कि उन्हें ई-लॉटरी के माध्यम से रोटावेटर कृषि यंत्र के लिए चुना गया था, लेकिन जब उन्होंने सब्सिडी पास कराने की प्रक्रिया शुरू की, तो बाबू ने घूस की मांग की।
शिकायतकर्ता के अनुसार, सत्यापन के दस दिन बाद एक व्यक्ति कुलदीप ने फोन कर बताया कि उनके अभिलेख अधूरे हैं और उन्हें उप कृषि निदेशक कार्यालय में प्रखर सक्सेना से संपर्क करना होगा। जब किसान कार्यालय पहुंचे, तो कथित रूप से बाबू ने स्पष्ट रूप से कहा कि बिना ₹5000 दिए उनकी सब्सिडी स्वीकृत नहीं होगी।
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‘संदेश वाहक’ की रिपोर्ट के बाद प्रशासन की कार्रवाई
इस पूरे मामले को ‘संदेश वाहक‘ डिजिटल डेस्क ने प्रमुखता से प्रकाशित किया, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया। रिपोर्ट के असर के चलते कृषि विभाग ने किसान को नोटिस जारी कर आरोपों के समर्थन में साक्ष्य मांगे हैं। विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि आरोप सिद्ध नहीं होते, तो किसान के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।
किसानों में नाराजगी, प्रशासन पर बढ़ा दबाव
भ्रष्टाचार के इस मामले को लेकर किसानों में भारी आक्रोश है। वे सरकारी दफ्तरों में व्याप्त रिश्वतखोरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ‘संदेश वाहक‘ डिजिटल डेस्क की रिपोर्ट ने इस मुद्दे को व्यापक चर्चा में ला दिया है, जिससे प्रशासन पर भी दबाव बढ़ गया है। अब देखना होगा कि दोषी कर्मचारी के खिलाफ क्या कदम उठाए जाते हैं।
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