Research: पहले बच्चे का जन्म… देखभाल की फिक्र में सिकुड़ता है पिता का दिमाग!
Research करने वाले वैज्ञानिकों के अनुसार दिमाग मेे बदलाव अच्छे पिता बनने में निभाता है अहम भूमिका, दिमाग में बनती है नई छवि
संदेशवाहक डिजिटल डेस्क। पहली बार बच्चे को जन्म देने वाले माता-पिता की खुशी का अंदाजा लगाया जा सकता है, लेकिन हकीकत यह है कि ऐसे पिता की दिमागी स्थिति बदल जाती है। पहली बार पिता बनने वाले पुरुषों का दिमाग सिकुड़ जाता है। यह बच्चों की देखभाल और उनकी आवश्यताएं पूरी करने की चिंता के कारण होता है। पुरुषों के दिमाग में न्यूरोलॉजिकल बदलाव का खुलासा अमरीका के यूनिवर्सिटी ऑफ साउर्थन कैलिफोर्निया (University of Southern California) के शोध से हुआ है।
शोध के अनुसार पहली बार पिता बनने वालों के दिमाग में मौजूद कॉर्टिकल वॉल्यूम (cortical volume) में एक-दो फीसदी की कमी आती है। यह एक प्रकार का सिकुड़न है जो दिमाग के डिफॉल्ट मोड नेटवर्क से जुड़ा होता है। ऐसे पुरुष जैसे ही यह मानता है कि वह पिता बन चुका है, उसका दिमाग सिकुड़ने लगता है। कॉर्टिकल वॉल्यूम दिमाग की शुद्धता को बढ़ाने के साथ उसे ज्यादा रिफाइन करता है। पुरुषों में यह बदलाव उम्मीद की नई किरणें खिलाती हैं। यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक और शोध के वरिष्ठ लेखक डार्बी सक्सबे का कहना है कि दिमाग में नई परिस्थितियों के अनुकूल होने की क्षमता है।
पहली बार पिता बने 40 लोगों को किया शामिल
यूनिवर्सिटी ऑफ साउर्थन कैलिफोर्निया के शोध में पहली बार पिता बनने वाले 40 पुरुषों को शामिल किया गया। इनमें 20 पुरुष बार्सिलोना और 20 लॉस एंजिल्स के थे। वैज्ञानिकों ने इन पिताओं के एमआरआइ विश्लेषण (MRI analysis) से दिमाग सिकुड़ने के संबंध में यह खुलासा किया है। वैसे माना जाता है कि बच्चे के जन्म का शारीरिक प्रभाव केवल माताओं पर पड़ता है, लेकिन इस शोध ने उलट तस्वीर पेश की है। डेनवर विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिक पिल्लॉन्ग किम का कहना है कि यह साबित करता है कि दिमागी परिवर्तन उन लोगाें का भी हो सकता है जो गर्भावस्था से नहीं जुड़े होते।
पुरुषों के दिमाग में कॉर्टिकल वॉल्यूम में आती है कमी
मनोवैज्ञानिक डार्बी सक्सबे का कहना है कि दिमाग पुरानी छवियों को हटाकर नई छवि के लिए जगह बनाता है। पहली बार पिता बनने वाले अपने दिमाग में यह छवि प्रतिबिंबित करते हैं कि शिशुओं की लगातार देखभाल करनी होगी। इसी कारण ऐसे पुरुषों के दिमाग में कॉर्टिकल वॉल्यूम में कमी आती है। दिमाग का यह क्षेत्र ध्यान और सहानुभूति से जुड़ा होता है।
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