रेपर्टवा फेस्टिवल: चार दिवसीय बहु प्रदर्शन कला उत्सव का भव्य आगाज
Sandesh Wahak Digital Desk: राजधानी लखनऊ में गुरुवार को बहु प्रदर्शन कला उत्सव ‘रेपर्टवा फेस्टिवल’ के 12वें सीज़न का भव्य शुभारंभ हुआ। जनेश्वर मिश्र पार्क के गेट नंबर 6 में उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया, जिसके बाद सितार वादक चंदूलाल कलबुर्गी ने लोक फ्यूजन का शानदार प्रदर्शन किया।
पहले दिन का मुख्य आकर्षण गायक और गीतकार प्रतीक कुहाड़ का लाइव परफॉर्मेंस रहा। उनकी धुनों पर झूमती भारी भीड़ कार्यक्रम के अंत तक गुनगुनाती रही। साथ ही, फूड और कारीगरों के स्टॉल भी उपस्थित लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बने।
उत्सव का उद्देश्य और स्थापना
रेपर्टवा फेस्टिवल के संस्थापक भूपेश राय और सह-संस्थापक प्रियंका सरकार ने कहा, “इस महोत्सव का उद्देश्य प्रदर्शन कला और आम जनता के बीच की दूरी को खत्म करना है। हम कला को सभी आयु वर्गों के लिए सुलभ और प्रासंगिक बनाना चाहते हैं। हमारा उद्देश्य कला और उम्र के मिलन को नए सिरे से परिभाषित करना है, जो पीढ़ियों के अनुभवों की विविधता को उजागर करता है।”
इस साल उत्सव में 40 फीट ऊंची कला स्थापना ‘सरताज’ विशेष आकर्षण रही। यह स्थापना रिसाइकल्ड सामग्री से बनाई गई थी और इसे कला, कहानियों और मानवीय भावनाओं के संगम का प्रतीक बताया गया। ‘सरताज’ ने उत्सव की आत्मा के केंद्र में स्थित होकर संगीत, थिएटर, साहित्य, कॉमेडी, भोजन और बाजार का मेल प्रस्तुत किया।
रेपर्टवा फेस्टिवल की यात्रा
2009 में एक साधारण थिएटर फेस्टिवल के रूप में शुरू हुआ यह उत्सव अब भारत का सबसे अनोखा प्रदर्शन कला महोत्सव बन गया है। इसमें संगीत, साहित्य, स्टैंड-अप कॉमेडी, फूड और क्राफ्ट मार्केट जैसी विधाओं को एक साथ लाया गया है।
भूपेश राय ने कहा हम दर्शकों, प्रशासन और कलाकारों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जिनके समर्थन और ऊर्जा ने इस उत्सव को सफल बनाया। यह आयोजन कला और संस्कृति का जश्न है, जो मानवता की रचनात्मकता और आत्मा को एक साथ लाता है। रेपर्टवा फेस्टिवल अपने अनोखे आयोजन और सांस्कृतिक विविधता के साथ भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य में अपनी अलग पहचान बना चुका है।
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