आंदोलन के लिए नौकरी छोड़ने को तैयार, बजरंग पुनिया बोले- जिंदगी दांव पर लगी
Sandesh Wahak Digital Desk : भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने कहा कि कोई उन्हें नौकरी छिनने का डर नहीं दिखाये क्योंकि उसे छोड़ने में भी वे नहीं हिचकिचायेंगे ।
दोनों ने एक साथ ट्वीट करते हुए कहा कि उनकी जिंदगी दांव पर लगी है जिसके सामने नौकरी बहुत छोटी चीज है। सोमवार को कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि विरोध कर रहे कुछ पहलवानों ने रेलवे में अपनी नौकरी से जुड़ने के साथ प्रदर्शन खत्म कर दिया हालांकि पहलवानों ने इन दावों को खारिज किया।
ओलंपिक पदक विजेता बजरंग और विनेश ने एक साथ ट्विटर पर लिखा, ‘हमारे मेडलों (पदक) को 15-15 रुपए के बताने वाले अब हमारी नौकरी के पीछे पड़ गये हैं। हमारी ज़िंदगी दांव पर लगी हुई है, उसके आगे नौकरी तो बहुत छोटी चीज़ है’।
न्याय के लिए त्याग देंगे नौकरी
बजरंग पुनिया ने कहा, ‘अगर नौकरी इंसाफ़ के रास्ते में बाधा बनती दिखी तो उसको त्यागने में हम दस सेकेंड का वक्त भी नहीं लगाएँगे। नौकरी का डर मत दिखाइए।
एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ये पहलवान 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर धरने पर बैठे थे।
लेकिन 28 मई को नये संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर वहां महिला महापंचायत के आयोजन के लिये बढने की कोशिश के बाद दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को कानून और व्यवस्था बिगाड़ने के आरोप में हिरासत में ले लिया था । उन्हें शाम को छोड़ दिया गया लेकिन जंतर मंतर को खाली कराके उन्हें दोबारा वहां प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने का ऐलान किया गया।
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