RBI ने लगातार 11वीं Repo Rate में नहीं किया बदलाव, 6.5 फीसदी पर बरकरार

Sandesh Wahak Digital Desk : चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में आयी शिथिलता और खुदरा महंगाई में हाल की तेजी पर कड़ी नजर रखते भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को लगातार 11वीं बार नीतिगत दरों को यथावत रखने का फैसला किया जिससे ब्याज दरों में कमी की उम्मीद लगाये आम लोगों को निराशा हाथ लगी है।

मई 2022 से 250 आधार अंकों तक लगातार छह बार की वृद्धि के बाद पिछले वर्ष अप्रैल में दर वृद्धि चक्र को रोक दिया गया और यह अभी भी इसी स्तर पर है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक के बाद चालू वित्त वर्ष की पांचवी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि एमपीसी ने मौद्रिक नीति को यथावत बनाए रखने का फैसला किया है।

RBI MPC Meeting

समिति के छह में से चार सदस्यों ने इस निर्णय का समर्थन किया है। इसके मद्देनजर रेपो दर के साथ ही सभी प्रमुख नीतिगत दरें यथावत हैं और मौद्रिक नीति के रूख को न्यूट्रल रखने का निर्णय लिया गया है। समिति के इस निर्णय के बाद फिलहाल नीतिगत दरों में बढोतरी नहीं होगी। रेपो दर 6.5 प्रतिशत, स्टैंडर्ड जमा सुविधा दर (एसडीएफआर) 6.25 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग सुविधा दर (एमएसएफआर) 6.75 प्रतिशत, बैंक दर 6.75 प्रतिशत, फिक्स्ड रिजर्व रेपो दर 3.35 प्रतिशत, नकद आरक्षित अनुपात 4.50 प्रतिशत, वैधानिक तरलता अनुपात 18 प्रतिशत पर यथावत है।

उन्होंने कहा कि सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए 2024-25 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि अनुमान को पहले के 7.2 प्रतिशत से कम कर 6.6 प्रतिशत किया गया है। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही 6.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही 7.2 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी है।। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 6.9 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

RBI की मौद्रिक नीति की मुख्य बातें 

  1.  प्रमुख ब्याज दर (रेपो) 6.5 प्रतिशत पर बरकरार।
  2. आरबीआई ने मौद्रिक नीति रुख को ‘तटस्थ’ पर बनाये रखा है।
  3. नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को 4.5 प्रतिशत से घटाकर चार प्रतिशत किया गया। इससे बैंकों में 1.16 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी।
  4. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत किया ।
  5.  वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत किया गया।
  6. कृषि क्षेत्र के लिए गारंटी मुक्त ऋण को 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये प्रति कर्जदार किया गया।
  7. एफसीएनआर (बी) जमा पर ब्याज दर की अधिकतम सीमा बढ़ाई गई।
  8. लघु वित्त बैंकों को यूपीआई के जरिये पूर्व-स्वीकृत कर्ज सुविधा की अनुमति दी गई है।
  9. आरबीआई आम जनता तक सूचना के व्यापक प्रसार के लिए ‘पॉडकास्ट’ शुरू करेगा।
  10. आरबीआई वित्तीय क्षेत्र में कृत्रिम मेधा (एआई) के जिम्मेदार, नैतिक इस्तेमाल के लिए एक रूपरेखा तैयार करने को लेकर एक विशेषज्ञ समिति गठित करेगा।
  11. मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक अगले साल पांच-सात फरवरी को होगी।

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