रजा मुराद: ‘OTT पर सेंसरशिप होनी चाहिए, सामाजिक मूल्यों की रक्षा के लिए ये जरूरी है’

अनुभवी अभिनेता रजा मुराद ने हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर सेंसरशिप की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान ओटीटी कंटेंट को रेगुलेट करने की जरूरत पर चर्चा की और इसे सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्यक बताया।

रजा मुराद ने कहा, “मेरे हिसाब से ओटीटी प्लेटफॉर्म पर सेंसरशिप होनी ही चाहिए। यह एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग एरिया की तरह है, जहां हर चीज नजरों से होकर गुजरती है। अगर आप कोई अवैध सामान ला रहे हैं, तो उसका पता लग जाता है और उसे रोक दिया जाता है।”

उन्होंने यह भी बताया कि सेल्फ-सेंसरशिप नहीं होने के कारण इस प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक कंटेंट को बच्चे आसानी से सीखते और फिर बोलते हैं। मुराद ने कहा, “आप वहां एयरपोर्ट पर कस्टम की जांच से गुजरते हैं। यहां हमारे पास सेंसर बोर्ड है, जो फिल्मों की समीक्षा करती है। चूंकि सेल्फ-सेंसरशिप नहीं हो रही है, इसलिए बच्चे आपत्तिजनक शब्द और संवाद सीखते हैं और बोलना शुरू करते हैं।”

अभिनेता का मानना है कि अगर इस स्वतंत्रता का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो रहा है, तो सेंसरशिप आवश्यक है। “मेरा मानना है कि अगर वे सीमा पार करते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए,” मुराद ने कहा।

रजा मुराद ने अपने करियर की शुरुआत 70 के दशक में की थी और ‘राम तेरी गंगा मैली’, ‘प्रेम रोग’ और ‘पद्मावत’ जैसी फिल्मों में अपनी मजबूत और यादगार भूमिकाओं के लिए जाने जाते हैं।

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