Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कांग्रेस में मची घमासान, कई नेताओं ने पार्टी के फैसले पर जताई आपत्ति
Ram Mandir: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से इन्कार करने के बाद कांग्रेस में सियासी घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी आलाकमान के इस फैसले पर आपत्ति जताई है।
दरअसल सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी समेत कई नेताओं ने इस आयोजन में शामिल न होने का फैसला किया है। जो अब पार्टी में कलह का वजह बन गया है। कांग्रेस के कई नेताओं ने टिप्पणी करते हुए आलाकमान के इस फैसले पर आपत्ति जताई है।
गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अंबरीश डेरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम हमारे आराध्य देव हैं। इसलिए यह स्वाभाविक है कि भारत भर में अनगिनत लोगों की आस्था इस नवनिर्मित मंदिर से वर्षों से जुड़ी हुई है।
उन्होंने आगे लिखा कि कांग्रेस के कुछ लोगों को उस खास तरह के बयान से दूरी बनाए रखनी चाहिए और जनभावना का दिल से सम्मान करना चाहिए। इस तरह के बयान से मेरे जैसे कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं के लिए निराशा है। जय सियाराम।
देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय: अर्जुन मोढवाडिया
इससे पहले गुजरात के कांग्रेस विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने आलाकमान के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है। एक्स पर उन्होंने लिखा,”भगवान श्री राम आराध्य देव हैं। यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था।”
निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण: आचार्य प्रमोद
इसके अलावा, कांग्रेस के इस फैसले पर पार्टी नेता आचार्य प्रमोद ने भी प्रतिक्रिया साझा की है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा,” राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आत्मघाती फैसला है,आज दिल टूट गया।
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस महासचिव ने बुधवार को एक पत्र साझा करते हुए कहा कि भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं। धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय है, लेकिन वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजन बना दिया है।
जयराम रमेश ने आगे कहा कि एक ‘अर्द्धनिर्मित मंदिर’ का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है। कांग्रेस ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भाजपा और RSS का इवेंट करार दिया है।