Ram Mandir: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका, प्राण प्रतिष्ठा समारोह का रास्ता साफ
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का रास्ता साफ हो गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राण प्रतिष्ठा पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तात्कालिकता के आधार पर इस याचिका पर सुनवाई से किया इनकार किया है। कोर्ट ने कहा कि शनिवार और रविवार को छुट्टी होने की वजह से जनहित याचिका अब औचित्यहीन हो जाएगी।
दरअसल याचिका गाजियाबाद के भोला दास नाम के शख्स ने दायर की है। याचिकाकर्ता का कहना था कि इन दिनों पौष माह चल रहा है। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक पौष माह में कोई भी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाता। ऐसे में रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट को इस पर रोक लगानी चाहिए।
इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील अनिल बिंद ने एक्टिंग चीफ जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता की अदालत में केस को आज भी मेंशन कर इस पर आज ही सुनवाई का अनुरोध किया था। बता दें कि उच्च न्यायालय ने उनके इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया। अदालत ने इससे पहले बुधवार को भी मेंशन को मंजूर नहीं किया था। याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों प्राण प्रतिष्ठा पर रोक लगाए जाने की मांग की थी।
साथ ही याचिकाकर्ता ने ये भी कहा कि मंदिर अभी भी निर्माणाधीन है। जब तक मंदिर पूरी तरह से नहीं बना है, वहां भगवान की स्थापना नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा का होना सनातन परंपरा के साथ असंगत होगा।
याचिका में शंकराचार्यों का भी जिक्र
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में शंकराचार्यों का भी जिक्र किया है। भोला दास ने कहा कि शंकराचार्यों ने भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर आपत्ति जताई है। उन्होंने भी अधूरे मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करने पर नाराजगी जाहिर की है। ऐसे में इस कार्यक्रम पर रोक लगनी चाहिए।
बीजेपी पर भी लगाए आरोप
याचिकाकर्ता भोला दास याचिका में बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी राम मंदिर के नाम पर राजनीति कर रही है। आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी राजनीतिक लाभ के लिए अधूरे मंदिर में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन कर रही है।