हंगामे के चलते ठप हुई राज्यसभा की कार्यवाही, विपक्ष ने नियम 267 के तहत चर्चा की मांग की

Sandesh Wahak Digital Desk: राज्यसभा में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामे के कारण कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई थी, लेकिन भारी शोरगुल और विवाद के बीच इसे 11:16 बजे स्थगित करना पड़ा।

बैठक की शुरुआत में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ माझी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी गईं। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने पूर्व विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा के निधन पर शोक व्यक्त किया। सदस्यों ने मौन खड़े होकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

इसके बाद सभापति ने नियम 267 के तहत सूचीबद्ध कामकाज को निलंबित कर चर्चा कराने के लिए प्राप्त पांच नोटिसों का उल्लेख करना शुरू किया। इसी दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने दिल्ली के 40 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी का मुद्दा उठाया, जिसे उन्होंने गंभीर मामला बताया।

संजय सिंह के बयान के बाद सत्ता पक्ष के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर विरोध जताने लगे। इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाने की कोशिश की। लेकिन बढ़ते शोरगुल और हंगामे को देखते हुए सभापति ने कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।

क्या है नियम 267?

रूल 267 के तहत किसी विशेष मुद्दे पर चर्चा के लिए सदन के तयशुदा एजेंडे को निलंबित किया जा सकता है। विपक्ष ने विभिन्न विषयों पर चर्चा की मांग करते हुए इस नियम के तहत नोटिस दिए थे।

यह कोई पहली बार नहीं है जब सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच विवाद के चलते सदन की कार्यवाही बाधित हुई है। बार-बार की स्थगन और हंगामे से महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा बाधित हो रही है। विपक्ष का कहना है कि सरकार बहस से बच रही है, जबकि सत्ता पक्ष का आरोप है कि विपक्ष बेवजह बाधा डाल रहा है।

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