देश भर में भ्रष्ट आईएएस पर छापे, यूपी में मेहरबानी
अफसरों और नेताओं के हाथों की कठपुतली बनीं एजेंसियां, बड़े घोटालों की जांचों में भी कार्रवाई नहीं
Sandesh Wahak Digital Desk : देशभर में भ्रष्टाचार में लिप्त आईएएस अफसरों पर एजेंसियां छापेमारी कर रही हैं। लेकिन देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में एजेंसियों की कार्रवाई आईएएस लॉबी के आगे दम तोड़ देती है।
विजिलेंस में वर्षों से जांचें लंबित
स्मारक घोटाले में कई आईएएस अफसरों की गर्दन फंसी है। लेकिन विजिलेंस की फाइलों में दौड़ रहीं इन जांचों को दशकों बाद भी नहीं पूरा किया गया। इसी तरह पुलिस आवास निगम में तैनात रहे एक बड़े अफसर के 700 करोड़ के घोटाले की जांच भी मनमाने तरीके से जारी है। नोएडा अथॉरिटी में तैनात रहे अफसरों की जांचें भी आज तक पूरी नहीं हुई।
आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू)
इस एजेंसी के पास यूपी में सबसे बड़े शाइन सिटी फर्जीवाड़े की जांच है। तकरीबन 60 हजार करोड़ के घोटाले का मुख्य आरोपी राशिद नसीम विदेश में बैठकर आज भी ठगी को अंजाम दे रहा है। लेकिन ईओडब्ल्यू की नजर में घोटाला न सिर्फ हजार करोड़ का है बल्कि ईओडब्ल्यू समेत कई एजेंसियां नसीम के प्रत्यर्पण को लेकर तनिक भी गंभीर नहीं हैं। इसी तरह हजारों करोड़ के अनाज घोटाले की जांचें भी लम्बे समय से कागजों में दौड़ रही हैं। ईओडब्ल्यू के एक एसपी तो ऐसे भी थे, जिनके घर से 25 करोड़ की प्रतिबंधित विदेशी ड्रग्स बरामद हुई थी।
एसएसआईटी का हाल भी अलग नहीं
यूपी सरकार के जिम्मेदारों के मुताबिक एसएसआईटी ने तमाम जांचों में बीते वर्षों में तीन सैकड़ा से अधिक भ्रष्टों को चिन्हित किया है। ये वही एसएसआईटी है। जिसने ट्रोनिका सिटी घोटाले में आईएएस धनलक्ष्मी, चंचल तिवारी समेत कई भ्रष्टों को अभयदान दिया था। हजार करोड़ के भू उपयोग घोटाले में पूर्व मंत्री कुशवाहा को भी बचाया था। सहकारिता भर्ती घोटाले जैसे बड़े मामलों की जांचें यहां भगवान भरोसे है।
सीबीआई की साख पर बट्टा
पीएफ घोटाले में आलोक कुमार, संजय अग्रवाल और अपर्णा यू जैसे आईएएस अफसरों का बाल बांका तक सीबीआई नहीं बिगाड़ पाई। कुलदीप सेंगर मामले में भी कई बड़ों को बख्शा गया। बड़े मामलों की जांचों में सीबीआई का खिलवाड़ आम बात है। चीनी मिल घोटाला भी प्रमाण है।
ईडी भी बड़े अफसरों पर मेहरबान
बीते कुछ वर्षों में ईडी के पास बड़े मामलों की जांचें आयी, लेकिन एक भी आईएएस की सम्पत्ति को जब्त नहीं किया। खनन और एनआरएचएम जैसे बड़े घोटालों समेत भ्रष्टाचार के अधिकांश मामलों में अफसरों की अवैध सम्पत्तियां जब्त नहीं करके एजेंसी के अपनों ने खूब पैसा बटोरा है। इसका उदाहरण पूर्व में सीबीआई द्वारा पकड़ा गया असिस्टेंट डायरेक्टर एनबी सिंह है।
क्या गैलेन्ट ग्रुप की जांच रिपोर्ट भी ठन्डे बस्ते में जायेगी
आयकर विभाग की गैलेन्ट ग्रुप के छापों की जांच रिपोर्ट को भी फाइलों में दफन कराने की पूरी तैयारी है। जबकि इस खेल में कई आईएएस अफसरों का कच्चा चिटठा सामने आया है। लेकिन अभी तक केंद्र ने कार्रवाई की हरी झंडी नहीं दिखाई है।