प्रशांत किशोर को मिली जमानत, जानिए क्या है आमरण अनशन से गिरफ्तारी तक का घटनाक्रम?
Sandesh Wahak Digital Desk: पटना के गांधी मैदान में बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर आमरण अनशन पर बैठे थे। सोमवार तड़के सुबह करीब चार बजे पुलिस ने भारी संख्या में पहुंचकर प्रशांत किशोर को हिरासत में लिया और उन्हें गांधी मैदान से जबरन हटाकर एंबुलेंस के जरिए एम्स ले जाया गया। इस कार्रवाई के दौरान धरना स्थल पर प्रशांत किशोर अपने समर्थकों के साथ सो रहे थे।
बता दें कि गिरफ्तारी के बाद प्रशांत किशोर को पटना सिविल कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई। प्रशांत किशोर का मेडिकल परीक्षण फतुहा स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया। जन सुराज पार्टी के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद प्रशांत किशोर को कई घंटों तक पटना के विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। समर्थकों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि एम्स में भर्ती कराने में देरी इसलिए हुई क्योंकि वहां बड़ी संख्या में जन सुराज के कार्यकर्ता जमा हो गए थे।
पुलिस कार्रवाई पर पार्टी कार्यकर्ता नाराज
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा की। समर्थकों का कहना है कि सुबह-सुबह सोए हुए लोगों पर लाठीचार्ज और धक्कामुक्की की गई। उन्होंने इसे जानलेवा हमला बताते हुए कहा कि पुलिस ने वर्दी का दुरुपयोग कर क्रिमिनल जैसा बर्ताव किया।
तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रशांत किशोर को हटाए जाने का समर्थन करते हुए कहा कि जिस जगह पर वे धरना दे रहे थे, वह प्रतिबंधित क्षेत्र है। हाईकोर्ट के निर्देशानुसार वहां प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। प्रशासन चार दिनों से लगातार उन्हें वहां से हटने के लिए कह रहा था। जब वे नहीं माने, तो विधिसम्मत कार्रवाई की गई।
पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों द्वारा गांधी मैदान के प्रतिबंधित इलाके में गैरकानूनी तरीके से प्रदर्शन किया जा रहा था। प्रशासन ने पहले उन्हें गर्दनीबाग जाकर प्रदर्शन करने का सुझाव दिया था और नोटिस भी जारी किया गया था। बार-बार आग्रह के बावजूद उन्होंने जगह खाली नहीं की, जिसके चलते एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की गई।
प्रशांत किशोर के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प
जब पुलिस प्रशांत किशोर को एम्स से लेकर निकली, तब वहां समर्थकों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई। समर्थकों ने एंबुलेंस के सामने लेटकर प्रदर्शन किया, जिससे हालात और बिगड़ गए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए बल प्रयोग किया। एम्स के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया, जिससे पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।
जन सुराज पार्टी के समर्थकों का कहना है कि पुलिस ने प्रशांत किशोर को गुप्त रूप से कैद करके रखा और उनके ठिकाने की जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जनता की आवाज से डर गई है और प्रशांत किशोर को दबाने की कोशिश कर रही है। जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी को गलत ठहराते हुए मांग की है कि बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद्द की जाए और प्रशांत किशोर के खिलाफ की गई पुलिस कार्रवाई की निष्पक्ष जांच हो। उनका कहना है कि बिहार की जनता के हक के लिए लड़ाई जारी रहेगी।
फिलहाल गांधी मैदान के आसपास पुलिस बल की भारी तैनाती की गई है। एम्स के बाहर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। प्रशासन का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। दूसरी ओर, जन सुराज पार्टी के समर्थक इसे सरकार की तानाशाही बताते हुए विरोध प्रदर्शन तेज करने की चेतावनी दे रहे हैं।
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