विश्व चैम्पियनशिप में प्रणय, सेन और सात्विक-चिराग की जोड़ी से पदकों की आस

Sandesh Wahak Digital Desk: फॉर्म में चल रहे एचएस प्रणय और लक्ष्य सेन सोमवार से यहां शुरू हो रही बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप में भारत के पदक दावेदारों की अगुआई करेंगे। सभी की निगाहें सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी पर लगी होंगी जो इस समय दुनिया की दूसरी नंबर की जोड़ी है। देश की सर्वश्रेष्ठ युगल जोड़ी पिछले चरण में जीते गये कांस्य पदक के रंग को बेहतर करना चाहेगी।

भारत ने 1977 से शुरू हुई इस प्रतियोगिता में एक स्वर्ण सहित 13 पदक जीते हैं जिसमें चार रजत और आठ कांस्य शामिल हैं। महान बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण पदक (कांस्य, 1993 में) जीतने वाले पहले भारतीय थे और 2011 के बाद से पीवी सिंधू की अगुआई में देश के खिलाड़ी कम से कम एक पदक जीतते आ रहे हैं।

सिंधू विश्व चैम्पियनशिप में भारत की सबसे सफल खिलाड़ी हैं जो 2019 में चैम्पियन रहीं और उनके नाम पांच पदक हैं। लेकिन बासेल चरण के बाद से वह पोडियम तक नहीं पहुंच पा रही हैं और इस सत्र में अपने पहले जैसे प्रदर्शन की झलक नहीं दिखा सकी हैं। किदाम्बी श्रीकांत और लक्ष्य सेन ने 2021 चरण में भारत को कमश: रजत और कांस्य पदक दिलाये जबकि सात्विक और चिराग की जोड़ी ने 2022 में कांस्य पदक जीता।

प्रणय ऐसे खिलाड़ी हैं जो पोडियम के करीब पहुंचकर चूक रहे हैं, वह 2021 और 2022 दोनों चरण के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे। लेकिन पिछले 12 महीनों में उनकी निरंतर फॉर्म को देखते हुए इस बार वह प्रबल दावेदारों में शुमार होंगे। मलेशिया मास्टर्स में जीत दर्ज करने वाले और आस्ट्रेलियाई ओपन के फाइनल में पहुंचने वाले प्रणय अपना अभियान फिनलैंड के कोले कोलजोनेन के खिलाफ शुरू करेंगे जिनकी विश्व रैंकिंग 56 है।

नौवीं वरीयता प्राप्त इस भारतीय के इसके बाद इंडोनेशिया के चिको ओरा ड्वी वार्डोयो से भिड़ने की उम्मीद है। सेन का सामना दुनिया के 110वें नंबर के खिलाड़ी जार्जेस जुलियन पॉल (मॉरीशस) से होगा और उनके इसके बाद कोरिया के जियोन हियोन से भिड़ने की संभावना है। इसके बाद वह तीसरे दौर में तीसरे वरीय कुनलावुत वितिदसर्ण के सामने हो सकते हैं।

श्रीकांत इस सत्र में इतना अच्छा नहीं कर पाये हैं और महत्वपूर्ण मौकों पर उनका खेल बिखर जाता है लेकिन वह ओलंपिक पूर्व सत्र में तेजी से चीजों का रुख बदलना चाहेंगे क्योंकि पेरिस क्वालीफिकेशन भी दांव पर लगा होगा। गुंटूर के इस 30 साल के खिलाड़ी का सामना कड़े प्रतिद्वंद्वी जापान के 15वीं रैंकिंग पर काबिज केंटा निशिमोटो से होगा। भारतीय खिलाड़ी का विपक्षी पर जीत का रिकॉर्ड 6-3 है जिससे उनका मनोबल बढ़ेगा ही।

इंडोनेशिया के एंथोनी जिनटिंग (विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर) टूर्नामेंट से हट गये हैं जिससे श्रीकांत के लिये ड्रा में थोड़ी मुश्किल कम होगी। अगर यह भारतीय अपनी काबिलियत के अनुरूप खेलने में सफल रहता है तो दुनिया के इस 20वें नंबर के खिलाड़ी के कम से कम क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने की उम्मीद है। विश्व चैम्पियनशिप के 2017 और 2018 चरण की रजत पदक विजेता और 2013 और 2014 में कांस्य पदक जीतने वाली सिंधू को बाई मिली है और वह जापान की नोजोमी ओकुहारा और वियतनाम की थुये लिन्ह एनगुएन के बीच होने वाले मुकाबले की विजेता से भिड़ेंगी।

लेकिन उम्मीदों का बोझ सात्विक और चिराग के कंधों पर होगा जो शानदार फॉर्म में हैं और उन्होंने 2023 में इंडोनेशिया ओपन, एशिया चैम्पियनशिप, स्विस ओपन और कोरिया ओपन में खिताब अपने नाम किये हैं। दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को पहले दौर में बाई मिली है और अगर वे इस सत्र के दबदबे के अनुरूप आगे बढ़ते हैं तो उनके ड्रा में काफी आगे तक पहुंचने की उम्मीद है।

त्रिसा जॉली और गायत्री गोपीचंद की जोड़ी को भी बाई मिली है। यह जोड़ी आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप में दो बार सेमीफाइनल में पहुंची हैं। अन्य भारतीयों में अश्विनी भट्ट के और शिखा गौतम, रोहन कपूर और एन सिक्की रेड्डी तथा वेंकट प्रसाद और जूही देवांगन भी शामिल हैं। कोपनहेगन पांचवीं बार विश्व चैम्पियनशिप का आयोजन कर रहा है जो सभी मेजबानों में सबसे ज्यादा है। डेनमार्क की राजधानी ने इससे पहले 1983, 1991, 1999 और 2014 में इसकी मेजबानी की थी।

 

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