Lucknow: गोल्ड मार्का ईट भट्ठे से बढ़ रहा प्रदूषण, अस्थमा और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा

Sandesh Wahak Digital Desk: राजधानी में प्रदूषण की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है, विशेष रूप से बख्शी तालाब के गुडंबा क्षेत्र में स्थित गोल्ड मार्का ईट भट्ठा से होने वाला प्रदूषण स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। यहां का प्रदूषण बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए बेहद हानिकारक साबित हो रहा है, जिससे वे अस्थमा, दमा, कैंसर और सांस लेने की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

हाई कोर्ट के सख्त आदेश के बावजूद ईट भट्ठों का संचालन लगातार हो रहा है। नगर निगम की सीमा और आसपास के जनपदों में इन भट्ठों से निकलने वाला जहरीला धुआं स्थानीय वातावरण को प्रदूषित कर रहा है। इस प्रदूषण से बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी और उल्टी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

गोल्ड मार्का ईट भट्ठा के बारे में जानकारी देते हुए भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी, प्रदूषण विभाग, खनन विभाग और बाल श्रम विभाग को शिकायती पत्र भेजकर इस भट्ठे को तुरंत बंद करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि गोल्ड मार्का ईट भट्ठा के संचालक हाई कोर्ट के आदेश की पूरी तरह अवहेलना कर रहे हैं।

प्राथमिक विद्यालय के पास प्रदूषण 

गोल्ड मार्का ईट भट्ठा प्राथमिक विद्यालय से महज 150 मीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे बच्चों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कक्षा 5 में पढ़ने वाली सुनीता और संतोष ने बताया कि धुएं के कारण उनकी आंखों में जलन होती है और किताबों के अक्षर भी धुंधले हो जाते हैं। कई बार उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत महसूस होती है, जिससे उनकी पढ़ाई में भी असर पड़ता है।

ग्रामीणों की परेशानियां 

ग्राम रजौली के निवासी भगवान दिन ने बताया कि गोल्ड मार्का ईट भट्ठा के चलते उनकी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। इतना अधिक प्रदूषण और उड़ती हुई मिट्टी उनके कृषि कार्य को प्रभावित कर रही है। वहीं, किसान नेता रोहित ने भी गोल्ड मार्का ईट भट्ठे के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा कि यहां के किसान अपनी उपजाऊ ज़मीनों को औने-पौने दामों में बेचने पर मजबूर हो रहे हैं, जबकि ईट भट्ठा नियमों का उल्लंघन करते हुए संचालित हो रहा है।

किसान यूनियन की मांग 

भारतीय किसान यूनियन ने इस मामले में अधिकारियों से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि खेतों की उपजाऊ मिट्टी निकालने से पहले किसानों से सही तरीके से अनुमति नहीं ली जाती, तो यह उनके अधिकारों का उल्लंघन है। यूनियन ने मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी और प्रदूषण विभाग को पत्र भेजकर गोल्ड मार्का ईट भट्ठे को तत्काल बंद करने की मांग की है।

गोल्ड मार्का ईट भट्ठा का संचालन बख्शी तालाब के गुडंबा क्षेत्र में बच्चों और स्थानीय निवासियों की स्वास्थ्य के लिए खतरा बन चुका है। प्रदूषण को देखते हुए इस भट्ठे को जल्द से जल्द बंद किया जाना चाहिए ताकि यहां के लोग स्वस्थ वातावरण में जीवन जी सकें।

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