UP Politics: खानपान में मिलावट पर यूपी में सियासत, मायावती को रास नहीं आया सीएम योगी का फैसला
Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश में होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों के बाहर मालिक व मैनेजर का नाम लिखे जाने के आदेश पर एक बार फिर राजनीति गर्मा गई है. मायावती को योगी का फैसला रास नहीं आया. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि जनता का ध्यान बांटने की चुनावी राजनीति से ज्यादा कुछ भी नहीं है.
दअरसल, बीते मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में सीएम योगी ने प्रदेश के सभी होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट आदि को लेकर निर्देश दिए हैं. इस फैसले पर बीएसपी चीफ मायावती की प्रतिक्रिया आई है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि यूपी सरकार द्वारा होटल, रेस्तराँ, ढाबों आदि में मालिक, मैनेजर का नाम, पता के साथ ही कैमरा लगाना अनिवार्य करने की घोषणा, कावंड़ यात्रा के दौरान की ऐसी कार्रवाई की तरह ही, फिर से काफी चर्चाओं में कि यह सब खाद्य सुरक्षा हेतु कम व जनता का ध्यान बांटने की चुनावी राजनीति ज्यादा.’
बीएसपी चीफ ने कहा, ‘वैसे तो खासकर खाद्य पदार्थों में मिलावट आदि को लेकर पहले से ही काफी सख्त कानून मौजूद हैं, फिर भी सरकारी लापरवाही/मिलीभगत से मिलावट का बाजार हर तरफ गर्म है, किन्तु अब दुकानों पर लोगों के नाम जबरदस्ती लिखवा देने आदि से क्या मिलावट का कालाधंधा खत्म हो जाएगा?’
चिंतन जरूरी- मायावती
मायावती ने कहा, ‘वैसे भी तिरुपति मन्दिर में ’प्रसादम’ के लड्डू में चर्बी की मिलावट की खबरों ने देश भर में लोगों को काफी दुखी व उद्वलित कर रखा है और जिसको लेकर भी राजनीति जारी है. धर्म की आड़ में राजनीति के बाद अब लोगों की आस्था से ऐसे घृणित खिलवाड़ का असली दोषी कौन? यह चिन्तन जरूरी,’
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं. और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं. ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किए जा सकते. उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं नहीं हों, इसके लिए ठोस प्रबंध किए जाने आवश्यक हैं. ऐसे ढाबा, रेस्टोरेंट आदि खानपान के प्रतिष्ठानों की जांच की जानी आवश्यक है.
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