अबू आजमी के निलंबन पर सियासत गरम, अखिलेश बोले- ‘सच की जुबान बंद नहीं होगी’

Sandesh Wahak Digital Desk: महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी (सपा) के इकलौते विधायक और प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके हालिया बयान के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उन्हें विधानसभा से निलंबित कर दिया गया।

क्या है मामला?

अबू आजमी ने मुंबई में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि “सारा गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए और वह क्रूर नहीं थे। मैंने औरंगजेब के बारे में जितना पढ़ा है, उसने कभी भी जनता का पैसा अपने लिए नहीं लिया। उनका शासन म्यांमार (तत्कालीन बर्मा) तक फैला था, और उस समय भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था।” उन्होंने यह भी कहा कि औरंगजेब एक महान प्रशासक थे और उनकी सेना में कई हिंदू कमांडर भी थे। यह बयान छत्रपति शिवाजी महाराज पर आधारित फ़िल्म “छावा” के संदर्भ में दिया गया, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया।

अबू आजमी के बयान के बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने उनकी कड़ी आलोचना करते हुए उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की। मंगलवार को शिंदे की पार्टी ने विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को आजमी के निलंबन का प्रस्ताव सौंपा। बुधवार को बीजेपी विधायकों ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसके बाद स्पीकर ने उनके निलंबन को मंजूरी दे दी।

अखिलेश यादव ने किया विरोध

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अबू आजमी के निलंबन पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “अगर विचारधारा के आधार पर निलंबन होने लगेगा, तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर रहेगा? हमारे विधायक और सांसद बेख़ौफ़ दानिशमंदी का परिचय देते हैं। अगर कोई सोचता है कि निलंबन से सच की ज़ुबान पर लगाम लगाई जा सकती है, तो यह उनकी नकारात्मक सोच का बचपना है।”

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ की है। 2023 में भी उन्होंने ऐसा बयान दिया था, जिसके बाद उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी। इस बार उनके बयान ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है।

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