आजम के ठिकानों पर छापेमारी से गरमाई सियासत, अखिलेश यादव का केंद्र सरकार पर हमला
Sandesh Wahak Digital Desk : समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के ठिकानों पर इनकम टैक्स की छापेमारी को लेकर यूपी की सियासत गरम हो गई है। सपा नेता अखिलेश यादव ने जहां इस कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर हमला किया है।
वहीं अब इस जुबानी जंग में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी कूद गए हैं। अखिलेश यादव के आरोपों पर पलटवार करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि विपक्ष के लोगों को अगर ये लगता है कि भ्रष्टाचार करने के बाद उन पर कार्रवाई नहीं होगी तो ये गलत है।
आईटी विभाग को छापा मारने का अधिकार
केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सरकार को सूचना मिलेगी। तो आईटी विभाग को छापा मारने का अधिकार है। अगर कोई संस्था अपनी जांच कर रही हो। उस बीच किसी राजनेता को बयान, बाधा, अड़चन और माहौल खराब करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
दरअसल इससे पहले अखिलेश यादव ने आजम खान पर हो रही इनकम टैक्स की कार्रवाई को लेकर बीजेपी और केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया था, उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा, कि सरकार जितनी कमजोर होगी उतना ही विपक्ष पर छापे बढ़ते जाएंगे।
आजम खान के ठिकानों पर छापेमारी जारी
आयकर विभाग की टीम बुधवार सुबह से सपा नेता आजम खान के कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी। खबर के मुताबिक रामपुर, सहारनपुर, लखनऊ, गाजियाबाद और मेरठ के अलावा पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में भी कुछ जगहों पर रेड डाली गई है। जानकारी के मुताबिक ये छापेमारी मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट में टैक्स चोरी के सिलसिले में की गई है।
आईटी की टीम बुधवार सुबह से ही आजम खान के रामपुर स्थित आवास पर पहुंची। इस दौरान केंद्रीय सुरक्षा बल फोर्स भी उनके साथ थी। बताया जा रहा है कि जब आईटी के अधिकारी आजम खान के घर पहुंचे तो सपा नेता ने कहा कि मैंने तो रामपुर के लोगों के हाथ में कलम देने का काम किया है, मैं फकीर आदमी हूं.. मेरे घर में आपको क्या मिलेगा? आजम ने कहा, मेरा तो सिर्फ एक ही बैंक अकाउंट है जिसमें मेरी पेंशन आती है, इसके अलावा मेरा दुनियां में कोई बैंक अकाउंट नहीं है।
2019, फिर 2021 में की थी शिकायत: आकाश सक्सेना
बीजेपी से रामपुर विधायक आकाश सक्सेना ने बातचीत के दौरान कहा हमने 2019 और फिर 2021 में सीबीडीटी को शिकायत की थी कि आजम खान की ट्रस्ट में दिखाया गया दान पूरी तरह से फर्जी है। हम यह चाहते हैं कि जिस-जिस शख्स ने दान किया है उसकी जांच होनी चाहिए कि वह उसके लायक हैं भी या नहीं। वहीं आजम खान ने अपने विश्वविद्यालय की लागत असल लागत से बहुत कम बताई है। हमने मांग की कि मूल्यांकन फिर से किया जाना चाहिए और नए मूल्यांकन के आधार पर आजम पर टैक्स लगाया जाना चाहिए।
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